खिलाफ शायरी स्टेटस | Khilaf Shayari Status Quotes in Hindi

Khilaf ( Against ) Shayari Status Quotes Image Photo in Hindi – इस आर्टिकल में खिलाफ शायरी स्टेटस कोट्स इमेज फोटो आदि दिए हुए है. इन्हें जरूर पढ़े.

Khilaf Shayari in Hindi

मैं खुद को मुश्किलों में आजमाता हूँ,
बेवजह के झगड़ों से दूर हो जाता हूँ,
कुछ लोग मेरे खिलाफ इसलिए है
क्योंकि उनकी समझ में नहीं आता हूँ.


अन्याय के खिलाफ
भूखे पेट लड़ना बेकार है,
यहाँ तो पढ़ा-लिखा भी
हर जुर्म का साझीदार है.


मेरी नजर में उस इंसान का कद
उस वक़्त बड़ा हो जाता है,
जब अपने बुरी आदतों के
खिलाफ खड़ा हो जाता है.


Khilaf Status in Hindi

अपने ही जब अपनों के खिलाफ खड़े हो जाएँ,
तो दिल रोता है पर जुबान खामोश होता है.


अन्याय के खिलाफ कब खून खौलेगा,
सियासत के खिलाफ मेरे साथ कौन बोलेगा।


इक उम्र तक लगा माँ-बाप है मेरे ख़िलाफ़,
जब वो नहीं रहे तो पता चला सिर्फ वही थे साथ.


Khilaf Quotes in Hindi

जिंदगी में बहुत से लोग साथ होंगे,
जिंदगी में बहुत से लोग खिलाफ होंगे,
खुद को इतना हुनरमंद बनाओ कि
फर्क ना पड़े कौन साथ है कौन खिलाफ है.


कोई किसी के साथ या
किसी के खिलाफ नहीं होता है,
सफल हुए तो दुनिया साथ है,
असफल हुए तो पूरी दुनिया
खिलाफ लगेगी।


ईष्या, नफरत, क्रोध, निराशा
और अवसाद को पाल रहे है तो
आप अपने खिलाफ अपने शत्रु
को पाल रहे है.


खिलाफ शायरी

परवाह मत करो चाहे
सारा जमाना ही खिलाफ हो,
सच्चाई के मार्ग पर चलो
अगर दिल तुम्हारा साफ़ हो.


इस दुनिया में सब कुछ
आपके हिसाब से नहीं चलेगा,
कुछ आपके साथ चलेगा
कुछ आपके खिलाफ चलेगा।


खिलाफ स्टेटस

इरादे मेरे नेक और साफ़ रखते है,
इसलिए भी लोग मेरे खिलाफ रहते है.


तुम्हारा नज़रअंदाज करना भी,
मुझे तुम्हारे खिलाफ नहीं करता।


ख़िलाफ़ कौन-कौन है मुद्दा ये नहीं है,
तुम्हारे साथ कौन-कौन है ये जरूरी है.


Zulm Ke Khilaf Shayari

बात कुछ और होती है,
बयाँ कुछ और करते है,
ख़फा जब तुमसे होते हैं
तो जुल्म खुद पर करते है.


इस शहर में चलती है हवा और तरह की
जुर्म और तरह के हैं सज़ा और तरह की
मंसूर उस्मानी


सदियों के बाद होश में जो आ रहा हूँ मैं
लगता है पहले जुर्म को दोहरा रहा हूँ मैं
ज़ुल्फ़िकार नक़वी


अन्याय के खिलाफ शायरी

सियासत की नजरों से नजर मिलाओ तो सही,
अन्याय के खिलाफ मिलकर आवाज उठाओ तो सही,
ताश के पत्तों की तरह अन्याय गिरेगा
सच की ताकत से भ्रष्टाचार की दीवार हिलाओ तो सही.


खिलाफत शायरी

करनी दुश्मनों की खिलाफत छोड़ दी है,
जबसे तू गई है हमने शराफत छोड़ दी है,
ये इश्क़ ये प्यार सब ढकोसले है दुनिया के
हमने तो करनी रब की इबादत छोड़ दी है.


खिलाफत करते हो मेरी
तो बेशक करते रहो,
जुगनुओं के विद्रोह से
जंगल जला नहीं करते।


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