झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई शायरी | Jhansi Ki Rani Laxmi Bai Shayari

Jhansi Ki Rani Laxmi Bai Shayari Status Dialogues in Hindi – झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई की वीरता और साहस का बखान शब्दों में कर पाना बड़ा ही मुश्किल है. इनकी जीवन पर आधारित कई किताब, कवितायें, धारवाहिक, फिल्म बन चुकी है. इनका जन्म वराणसी में 19 नवंबर 1835 में हुआ. इनके बचपन का नाम मणिकर्णिका था।

रानी लक्ष्मी बाई का जीवन प्रेरणा से भरा हुआ है. जिसने अपने जीवन में अनेक दुःख झेले पर अपनी आजादी से समझौता नहीं किया। अंग्रेजों के सामने अपना सिर नहीं झुकाया। झाँसी की रानी हर औरत के लिए आदर्श और प्रेरणा हैं.

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Jhansi Ki Rani Shayari

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शौर्य और वीरता झलकता है लक्ष्मीबाई के नाम में,
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की डोरी थी जिसके हाथ में.


मुर्दों में भी जान डाल दे,
उनकी ऐसी कहानी है,
वो कोई और नहीं
झांसी की रानी है.


जिसने नारी के लिए अबला शब्द गढ़ा है,
शायद उसने झांसी की रानी को नहीं पढ़ा है.


Jhansi Ki Rani Status

मातृभूमि के लिए झांसी की रानी ने जान गवाई थी,
अरि दल काँप गया रण में जब लक्ष्मीबाई आई थी.


अपने हौसले की एक कहानी बनाना,
हो सके तो खुद को झांसी की रानी बनाना।


झाँसी की रानी शायरी

हर औरत के अंदर है झाँसी की रानी,
कुछ विचित्र थी उनकी कहानी,
मातृभूमि के लिए प्राणाहुति देने को ठानी,
अंतिम सांस तक लड़ी थी वो मर्दानी।


दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी,
चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी.


Rani Laxmi Bai Ki Shayari

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मैदाने जंग में मरना है,
फिरंगी से नहीं डरना है,
कहती रानी लक्ष्मी बाई
यह वादा पूरा करना है.


उखाड़ फेका हर दुश्मन को,
जिसने झाँसी का अपमान किया,
मर्दानी की परिभाषा बन कर
आज़ादी का पैगाम दिया.


Rani Laxmi Bai Ki Status

वीर बहादुर बनकर रहना,
वीरों की दुनिया दीवानी,
इतिहासों में लिख जाती है,
बलिदानों की अमर कहानी.


रानी लक्ष्मी बाई लड़ी तो,
उम्र तेईस में स्वर्ग सिधारी,
तन मन धन सब कुछ दे डाला,
अंतरमन से कभी ना हारी.


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