ना सुख हैं जिन्दगी,
ना दुःख हैं जिन्दगी,
ना गम हैं जिन्दगी,
ना ख़ुशी हैं जिन्दगी,
अपने-अपने कर्मो का हिसाब हैं जिन्दगी.
उल्फ़त में कभी यह हाल होता हैं,
आँखे हँसती हैं मगर दिल रोता हैं,
मानते है हम जिसे मंजिल अपनी,
हमसफर उसका कोई और होता हैं.
रिश्तों के बाजार में आजकल
वो लोग हमेशा अकेले पायें जाते हैं,
जो दिल और जुबान के सच्चे होते हैं.
हम वो नही जो तुम्हे गम में छोड़ देंगे,
हम वो नही जो तुझसे नाता तोड़ देंगे,
हम वो हैं जो तुम्हारी साँसे रुके तो,
अपनी साँसे छोड़ देंगे…!!!
अपने हौसलों के बल पर हम
अपनी प्रतिभा दिखा देंगे!!!
भले कोई मंच ना दे हमको
हम मंच अपना बना लेंगे..!!!
जो कहते हैं खुद को सितारा है
जगमगा क्र उनके सामने ही…!!!
चमक कर देंगे उनकी फीकी
और सूरज खुद को बना लेंगे…!!!
जिन्दगी शुरू होती हैं रिश्तों से,
रिश्ते शुरू होते हैं प्यार से,
प्यार शुरू होता हैं अपनों से,
और अपने शुरू होते हैं आप से.
जो कट गई
वो तो उम्र थी साहब…
जिसे जी लिया,
उसे जिन्दगी कहिये…
हर मुलाक़ात पर
वक्त का तकाजा हुआ…
हर याद पर
दिल का दर्द ताजा हुआ…!!!
कितन भी खुश रहने की कोशिश कर लो,
जब कोई बेहद याद आता हैं
तो सच में बहुत रुलाता हैं.
ऐ मौसम तू चाहे कितना भी बदल जा,
पर तुझे इंसानों की तरह बदलने का
हुनर आज भी नही आता हैं.