Ego Quotes in Hindi ( Ahankaar Par Anamol Vichaar ) – अहंकार क्या हैं? इंसान को अहंकार होने से क्या नुकसन होता है? अहंकार क्यों होता है? आदि प्रश्नों के उत्तर के लिए इस पोस्ट के कोट्स जरूर पढ़े.
Ego Quotes in Hindi | अहंकार पर बेहतरीन विचार
घमंड से आदमी फूल सकता है, फल नहीं सकता. – प्रेमचन्द
जो हम करते हैं, वह दुसरे भी कर सकते हैं, ऐसा मानें. यदि न मानें तो हम अहंकारी ठहराए जाएंगे. – महात्मा गांधी
जो मनुष्य अहंकार करता हैं, उसका एक दिन पतन अवश्य ही होगा. – महर्षि दयानन्द
घमंडी व्यक्ति प्रायः शक्की हुआ करता है और इसी कारण अपने जीवन को जहर बना लेता हैं. – प्रेमचंद
गर्व ने देवदूतों को भी नष्ट कर दिया. – इमर्सन
किसी भी स्थिति में घमंड मत कर क्योंकि यह बहुरूपिया संसार हर घड़ी हजारों रंग बदलता है. – अज्ञात
अभिमान की अपेक्षा नम्रता से अधिक लाभ होता हैं. – बुद्ध
आप अहंकार छोड़ दीजिये. सुखों की अनुभूति होना प्रारम्भ हो जाएगा. – महात्मा गांधी
जो बहुत घमंड करते थे, वही अपने घमंड के कारण गिरे. इसलिए किसी को कभी घमंड नहीं करना चहिए. घमंड ही हार का द्वार हैं. – शतपथ ब्राह्मण
अहंकार से देवता दानव बन जाते हैं और नम्रता से मानव देवता. – आगस्टाइन
अहंकार प्रेम की अनुपस्थिति का परिणाम है. – ओशो
प्रभुता, महत्व और पद पाकर सभी को घमण्ड होता है. मनुष्य रूप में ऐसा कोई नहीं पैदा हुआ जो तीनों को पाकर नम्र रहे. – रामचरित मानस
तन, धन और भाग्य पर अभिमान नहीं करना चाहिए. – शंकराचार्य
तुम्हारे लिए धर्मपुस्तक, देवालय और प्रार्थना की कोई आवश्यकता नहीं, यदि तुमने अहंकार त्याग दिया है. – स्वामी विवेकानन्द
समस्त महान गलतियों की तह में अभिमान ही पाया जाता हैं. – काकोडिया
यदि आपने ठोकर खाई है तो उस पल आपके मन में अवश्य ही घमण्ड पल रहा होगा. – नीतिवचन
अभिमान अपने अपमान को नहीं भूलता. – प्रेमचंद
अभिमानी व्यक्ति स्वयम को खा जाता हैं. – शेक्सपियर
सच्चा काम अहंकार और स्वार्थ को छोड़े बिना नहीं होता. – स्वामी रामतीर्थ
अहंकारपूर्ण जीवन को छोड़ देना ही त्याग है और वहीं सौन्दर्य है. – स्वामी रामतीर्थ
अहंकार को शून्य करने में प्रार्थना मदद दे सकती है. प्रार्थना कोई यांत्रिक वस्तु नहीं, वह हृदय की क्रिया है. भगवान् की प्रार्थना में सारे भेदों को भूल जाने का अभ्यास हो जाता हैं. – बिनोबा भावे
अज्ञानी आत्मा पाप करके भी अहंकार करता हैं. – स्वामी महावीर
अहंकार सोने का हार भी मिट्टी बना देता है. – बाल्मीकि
अहंकार का नाश करके जिन्होंने आत्मानंद प्राप्त किया है, उन्हें और क्या पाना बाकी रह जाता हैं. – महर्षि रमन
अहंकार का कारण है अपने असली स्वरूप अर्थात “मैं” को न समझना. जैसे ही व्यक्ति मैं को उसके असली रूप में देख लेता हैं, उसका अहंकार विल्कुल वैसे ही अदृश्य हो जाता है, जैसे दीपक के जलने से अन्धकार का कोई अता-पता नहीं रहता. – आद्य शंकराचार्य
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