Dinosaur History in Hindi – डायनासोर (Dinosaur) पर बहुत सारी फ़िल्में आ चुकी हैं जिसे अधिकत्तर लोग देख भी चुके हैं. फ़िल्म देखने के बाद हमारे मन में बहुत सारे प्रश्न डायनासोर के बारें में आने लगते हैं, क्योंकि फिल्मों में किसी भी तथ्य को खूब बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जाता हैं. आज इस पोस्ट में हम Dinosaur के बारें में पूरी जानकारी देने का प्रयास करेंगे जिससे आपके प्रश्नों के उत्तर मिल सके.
डायनासोर का इतिहास | Dinosaur History in Hindi
“डायनासोर” शब्द को 1842 में जीवाश्म विज्ञानी रिचर्ड ओवेन ने गढ़ा था और डायनासोर का अर्थ यूनानी भाषा में बड़ा छिपकली ( Big Lizard ) होता हैं. प्राप्त जीवाश्म और शोधों के अनुसार लगभग 16 करोड़ वर्ष तक पृथ्वी के सबसे प्रमुख स्थलीय कशेरुकी (रीढ़दार) जीव डायनासोर थे. अधिकतर जीवाश्म विज्ञानी पक्षियों को डायनासोर का आज तक जीवित वंशज मानते हैं.
जीवाश्म विज्ञानियों ने डायनासोर के अब तक 500 विभिन्न वंशों और 1000 से अधिक प्रजातियों की पहचान की है और इनके अवशेष पृथ्वी के हर महाद्वीप पर पाये जाते हैं. कुछ डायनासोर शाकाहारी तो कुछ मांसाहारी थे. कुछ डायनासोर के दो पैर तो कुछ के चार पैर थे, जबकि कुछ आवश्यकता अनुसार दो पैर या चार पैर के रूप में अपने शरीर की मुद्रा को बदल सकते थे. विभिन्न प्रकार के डायनासोर थी इसलिए इनकी शारीरिक बनावट भी भिन्न-भिन्न थी. कुछ छोटे तो कुछ बहुत विशाल शरीर वाले थे. डायनासोर को इनके बड़े आकार की वजह से जाना जाता हैं. डायनासोर के कुछ सबसे प्रमुख समूह अंडे देने के लिए घोंसले का निर्माण करते थे और पक्षियों के समान अण्डज (अंडो के द्वारा बच्चो का जन्म) थे.
19वीं सदी में पहला डायनासोर जीवाश्म मिलने के बाद से डायनासोर के टंगे कंकाल दुनिया भर के संग्रहालयों में प्रमुख आकर्षण बन गये हैं. डायनासोर की लोकप्रियता दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं, इसकी लोकप्रियता बढ़ाने का श्रेय हॉलीवुड की फिल्मों को जाता हैं. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि पूरी दुनिया की कुछ सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबें डायनासोर पर आधारित हैं. डायनासोर से सम्बन्धित नई खोजों की जानकारी मिडिया के द्वारा लोगों तक आज भी पहुँचती हैं.
डायनासोर के प्रकार | Types of Dinosaurs in Hindi
शाकाहारी डायनासोर | Vegetarian Dinosaur
- ऐपेटोसोर्स
- ब्रेकियोसोर्स
मांसाहारी डायनासोर | Carnivorous Dinosaur
- ट्राइरेनोसॉर्स
- ओर्निथोमिमस
डायनासोर की कुछ विश्व प्रसिद्ध प्रजातियाँ
जीवाश्म वैज्ञानिकों ने डायनासोर की लगभग 1000 से अधिक प्रजातियों के जीवाश्म खोज निकाले, परन्तु इनमें से कुछ के ही बार में सही जानकारी या एक अनुमानित जानकारी उपलब्ध हैं. डायनासोर की कुछ विश्व प्रसिद्ध प्रजातियाँ इस प्रकार हैं.
- Tyrannosaurus Rex – इसे टीरेक्स के नाम से भी जाना जाता हैं. ये डायनासोरों में सबसे शक्तिशाली और खतरनाक डायनासोर हैं. इसे डायनासोरों का राजा भी माना जाता हैं.
- Velociraptor – यह एक खतरनाक और मांसाहारी डायनासोर था हालाँकि हॉलीवुड फिल्मों में जिसे इतना बुद्धिमान दिखाया गया हैं यह इतना बुद्धिमान डायनासोर नहीं था.
- Triceratops – इस डायनासोर को आसानी से पहचाना जा सकता है, इसके सर पर तीन सींग होते है यह शाकाहारी डायनासोर होता हैं किन्तु शिकारियों पर अपने सींग के द्वारा हमला करने में सक्षम होता हैं.
- Stegosaurus – इसकी पीठ पर बड़े-बड़े प्लेट्स पाई जाती थी इसका रंग भूरे आकर का होता था. स्टैगोसोरस डायनासोर को पूरे विश्व में पसंद किया जाता है और इसी तरह के बच्चों के लिए खिलौने भी बनाये जाते हैं.
- Spinosaurus – यह डायनासोर खतरनाक, विशाल आकर और मांसाहारी था. यह समुन्द्रों के निकट तथा गहरी नदियों में शिकार करता था.
- Brachiosaurus – इस डायनासोर की गर्दन लम्बी और शरीर काफी विशाल होता था. यह एक शाकाहारी डायनासोर है. यह पेड़ की पत्तियों को खाता था और इसका वजन लगभग 100 टन तक होता था.
- Archaeopteryx – यह पक्षी की तरह दिखने वाला डायनासोर था, जीवाश्म वैज्ञानिकों को जब इसका जीवाश्म मिला तभी जाकर यह प्रमाणित हो सका कि पक्षी भी डायनासोर की प्रजाति से ही उत्पन्न हुए है.
- Allosaurus – यह डायनासोर टीरेक्स से थोड़ा छोटा था परन्तु यह उससे तेज दौड़ता था और उससे खतरनाक था. यह शाकाहारी डायनासोर का शिकार भी करता था.
पृथ्वी पर डायनासोर का अंत कैसे हुआ | End of Dinosaurs in Hindi
“डायनासोर के अंत ( End Of Dinosaurs )” के विभिन्न कारण माने जाते हैं, इनमें कुछ नीचे दिए गये हैं.
- ज्वालामुखी ( Volcano ) का फटना – डायनासोर के अंत का कारण किसी बड़ी या भयानक ज्वालामुखी का फटना भी मानते हैं.
- उल्कापिंडो ( Meteorite ) का गिरना – बहुत से वैज्ञानिक डायनासोर के अंत का कारण बहुत सारे उल्कापिंडो का गिरना भी मानते हैं. ये उल्कपिंड आग के गोले होते हैं.
- जलवायु परिवर्तन – ऐसा भी माना जाता है कि अचानक जलवायु में परिवर्तन होने के कारण धीरे-धीरे इनकी मौत हो गई और डायनासोर का अंत हो गया.
डायनासोर ( Dinosaurs ) के अंत के और भी कई अन्य कारण हो सकते हैं. ऐसा भी माना जाता है कि शाकाहारी डायनासोर का मुख काफी छोटा होता था जिसकी वजह से वो भरपेट भोजन करने में बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती थी जिसकी वजह से उनका उनकी प्रजाति समाप्त हो गई.
डायनासोर के बारें में रोचक तथ्य | Interesting Facts about Dinosaurs in Hindi
- डायनासोर का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक को जीवाश्म विज्ञानी ( Paleontologist ) कहते हैं.
- अब तक की खोजों और शोधों में प्राप्त डायानासोरों में सबसे बड़ा जीवश्म अमेरिका के व्योमिंग ( Wyoming ) राज्य से मिला जोकि 27 मीटर लम्बा है.
- रिसर्च में छोटे और बड़े दोनों प्रकार के डायनासोर मिले हैं, कई तो मुर्गे के बराबर छोटे डायनासोर के अवशेष मिले जो कीड़े-मकोड़े खाते थे.
- पृथ्वी के जिस काल में डायनासोर रहते थे उसे Mesozoic (Middle Life or Era) कहते है . Middle Era के तीन भाग हैं – ट्राइएसिक ( Triassic ), जुरासिक ( Jurassic ), क्रीटेशियस ( Cretaceous ).
- यह ट्राइएसिक काल के अंत (लगभग 23 करोड़ वर्ष पहले) से लेकर क्रीटेशियस काल (लगभग 6.5 करोड़ वर्ष पहले), के अंत तक अस्तित्व में रहे.
- जीवाश्म वैज्ञानिकों के विचार इस बात पर एक मत नहीं हैं कि एक डायनासोर कितने वर्ष तक जीवित रहता था. कुछ वैज्ञानिकों का मानना है उनका जीवन काल उनकी प्रजातियों पर निर्भर करता है, कुछ बड़ी प्रजातियाँ दो सौ साल तक जीती थी.
- ज्यादातर माँसाहारी डायनासोर की हड्डियाँ खोखली होती थी जिसकी वजह से उनका वजन हल्का होता था और वे तेजी से दौड़कर अपना शिकार कर पाते थे.
- ज्यादातर जीवाश्म या अवशेष उन डायनासोर के मिले है जो पानी के आस-पास रहते थे.
- गुजरात के नर्मदा नदी के इलाके से भी डायनासोर का एक अवशेष मिल चूका है जो सात करोड़ साल पुराना हैं.
- डायनासोर की पूछ लम्बी होती थी जो दौड़ते समय शरीर में संतुलन बनाने का कार्य करती थी.
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