दिखावा शायरी | Dikhawa Shayari

Dikhawa Shayari ( Show off Shayari in Hindi ) – अपनी जिंदगी में हर कोई थोड़ा बहुत दिखावा करता ही हैं. दिखावा के फायदें कम और नुकसान ज्यादा हैं इसलिए दिखावे से बचे. एक वास्तविक और रियल जिन्दगी जीने का प्रयास करें. इस पोस्ट में बेहतरीन दिखावा शायरी ( Dikhawa Shayari ) दी गयी हैं.

दिखावा शायरी | Dikhawa Shayari

दिखावे की दुनिया में दिखाते ही रह गये,
जो सादगी में थे वो हमसे आगे निकल गये.


जिन्हें अपने बारे में पता नहीं
वो औरों को जानने का दावा करते है,
लोग उतने अच्छे है नहीं
जितना होने का दिखावा करते हैं.
Shwo Off Shayari


दिखावे की ज़िन्दगी की इतनी कहानी हैं,
हकीकत एक दिन सबके सामने आनी हैं.


दिखावे की जिन्दगी, दिखावे की मुस्कान
खुद को आईने में तू देख कितना बदल गया इंसान.


जितनी छोटी हस्ती हैं उतना ज्यादा किया बखान हैं,
खाने को रोटी नहीं और संगमरमर से बना मकान हैं.
अंकुश तिवारी


दिखावे की दोस्ती शायरी | Dikhawe Ki Dosti Shayari

अब तो दोस्त भी रूठने लगे हैं,
शायद मेरे दिखावे से ऊबने लगे हैं.


दिखावा करने वालो को कोई कुछ क्यों नही कहता हैं,
अक्सर लड़कियों के सामने लड़का ज्यादा दिखावा करता हैं.


जिन्दगी में दिखावा इतना भी न करें
कि जिन्दगी के आख़िरी पल अफ़सोस में गुजारना पड़े.


उनमें सादगी होता है जो रहते हैं गाँव में,
दिखावा बढ़ जाता है जो रहते है पैसों की छाँव में.


नकली-नकली सा लगने लगा है ये जमाना,
दिखावे का कितना बढ़ गया है फ़साना.


प्यार दिखावा शायरी | Pyar Dikhawa shayari

प्यार करके दिखावो,
पर दिखावे का प्यार कभी मत करना,
दिल जितना दर्द सह ले
किसी से उतना ही प्यार करना.


दिखावे से दूर हकीकत से वास्ता हो,
ज़िन्दगी सरल हो भले ही कठिन रास्ता हो.


अक्सर लाखों उड़ा देते हैं लोग दिखावे में,
पैसों की कमी हो जाती है गरीबों के इलाके में.


Show off Shayari

न थी कोई ख्वाहिश, न ही कोई फरमाइश,
थी तो सिर्फ़ उस झूठे प्यार की नुमाइश.


मतलब वाली दूकान में
अब इश्क़ बिकती हुई एक “सामान” है,
सिक्को की गूँज बहरी कर रही,
एहसास अनसुनी से परेशान है.
Show Off Shayari


इतनी तो औकात भी नहीं तुम में,
जितना तुम Attitude ले कर चलते हो.


स्मार्टफोन सी आदतें इंसान की हो गयी,
एक ऊँगली के कुरेद से कितनी परतें खुल गई.
Show off Shayari


दिखावा किया जब था संभलना,
अफ़सोस करने का अब फायदा क्या.


बेमतलब जोड़ गुना भाग लगाते है,
लोग बातों बातों में आग लगाते है,
और जिन्हें पसंद होते है पंछी बहुत
जनाब वो पिंजरे नहीं बाग़ लगाते है.
Show off Shayari


बाहरी दिखावे से पहले
अपने घर में झाँक कर देखो,
ये खोखली नुमाइशें
घर में सुख नहीं लायेंगी.


झूठी शान के परिन्दें ज्यादा ही फड़फड़ाते है,
सादगी की उड़ान, बाज की तरह ऊँचा उड़ कर दिखाते हैं.
Show off Shayari


बड़ा नकली सा हो गया है जमाना,
सबको है यहाँ दिखाना,
दिखावट के चक्कर में मंजूर है
अपनों को गवाना.


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