बुलंदी शायरी | Bulandi Shayari | Bulandi Status

Bulandi Shayari Status Quotes Images in Hindi – इस आर्टिकल में बेहतरीन बुलंदी शायरी स्टेटस कोट्स इमेज आदि दिए हुए हैं. इसे जरूर पढ़े.

हर व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की बुलंदियों को छूना चाहता है. जो लोग ईमानदारी और परिश्रम को अपनी ताकत बनाकर बुलंदी पर पहुँचते है, वही लोग उसका सुख भोग पाते है. जो लोग बुलंदी को छूने के लिए बेईमानी और झूठ का सहारा लेते है. उन्हें अंत में केवल दुःख ही प्राप्त होता है. ईमानदारी से प्राप्त सफलता में ही आनन्द है.

कई बार हम बुरे लोगो को बुलंदी पर देखकर, सफलता की बुलंदी को पाने के लिए गलत रास्ते को चुन लेते हैं. जिसकी वजह से हम अपने जीवन में बहुत कुछ खो देते हैं. बुरे लोगो को गौर से और नजदीक से देखने पर पता चलता है कि वो अपने पापों का दुःख भोग रहे हैं. ऐसे उदाहरण आपको आपके आस-पास ही मिल जायेंगे.

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Bulandi Shayari

बेशक बुलंदियों में यकीन रखते है हम,
मगर पाँव के नीचे जमीन भी रखते है हम.


जिन्दगी कभी भी ले सकती है करवट, तू गुमान न कर
बुलंदियाँ छू हजार, पर उसके लिए कोई गुनाह न कर.


बुलंदी पर अपनी इन्सान क्यों इतना फक्र करता है,
पतंग आसमान में आख़िर कब तलक रहता है.


Bulandi Shayari Two Line

मुश्किल कोई आ पड़े तो घबराने से क्या होगा,
जीने की तरकीब निकालो मर जाने से क्या होगा.


जब बुलंदी को छूने की आस जगती है,
तब भूख और प्यास भी नहीं लगती है.


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जो दुनिया को देखने का अलग नजर रखता है,
वही बुलंदियों को छूने का सही हुनर रखता है.


Bulandi Shayari in Hindi

इश्क का हर रास्ता नादानियों से भरा,
न जाने किस रास्ते में मंजिल मिले,
एक नादाँ परिंदा ने मुझे उड़ना सिखाया,
ना जाने उस उड़ान को कब बुलंदी मिले.


आवाज की बुलंदी के लिए पैसा चाहिए,
पर मेरा ईमान न बिके बस ऐसा चाहिए.


Shayari on Bulandi

दर्द क़ागज पर मेरा बिकता रहा,
मैं बेचैन था, रातभर लिखता रहा,
छू रहे थे सब बुलंदियाँ आसमान की
मैं सितारों के बीच, चाँद की तरह छिपता रहा.


आसमान इतनी बुलंदी पर जो इतराता है,
भूल जाता है जमीन से ही नजर आता है.


बुलंदी शायरी

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जिन्दगी में सबको खुद से बड़ी आशा है,
शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है.


मेरी अपनी कोई पहचान ना थी,
मेरे जहन में जान ना थी,
फिर भी मर मिटे पाने को बुलंदी
क्योंकि मंजिल इतनी आसान ना थी.
प्रभाकर सिंह तोमर


ना इतराओ इतना, बुलंदियों को छूकर,
वक्त के सिकंदर पहले भी कई हुए,
जहाँ होते थे कभी शहंशाहो के महल
वही देखे है हमने उनके मकबरे बने हुए.


मुझे उम्मीद है तुझसे एक दिन तू परिवार की आश बनेगा,
पहुँचेगा बुलंदी के उच्च शिखर पर जहाँ तेरे इतिहास बनेगा.


बुलन्दी शायरी इन हिंदी

बुलंदियों पर पहुँचने वाले कुछ एक होते हैं,
पर वहाँ पहुँचने की चाहत रखने वाले अनेक होते हैं,
पर जो कड़ी मेहनत संग सही रास्ते पर चले जाते है,
वही उस बुलंदी तक पहुँच पाते हैं.


मैं बुलंदी जरा-सा जो पाने लगा,
तो नजर जमाने को आने लगा,
पहले बचकर निकलते थे मुझसे सभी
अब गले से जमाना लगाने लगा.


Bulandi Status

बुलंदियों को पाने की ख्वाहिश तो बहुत थी,
लेकिन दूसरो को रौदने का हुनर कहाँ से लाता.


ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है


खुद को कुछ इस कदर बुलंद करना है मुझे,
कि मेरी मौत को मेरी जिन्दगी पर फक्र हो.


अनुभव की आग में तपकर जो जलते है,
दुनिया की इस भीड़ में वहीं लोग चमकते है.


Bulandi Shayari 2 Line

बुलंदी देर तक किस शख्स के हिस्से में रहती है,
बहुत ऊँची इमारत हर घड़ी खतरे में रहती है.
मुनव्वर राणा


उठो तो ऐसे उठो, फक्र हो बुलंदी को,
झुको तो ऐसे झुको बन्दगी भी नाज करे.


आता है यहाँ सब को बुलंदी से गिराना,
वो लोग कहाँ है जो गिरतों को उठायें.


बुलंदी की उड़ान हो तो जरा सब्र रखो,
परिंदे बताते है कि आसमान में ठिकाने नहीं होते.


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