Tips for Breaking Bad Habits in Hindi – इंसान में अच्छी और बुरी दोनों प्रकार की आदतें होती हैं. मानव मस्तिष्क अधिक्तर बुराइयों की तरफ ही भागता हैं और इस तरह व्यक्ति समाज से अस्वीकृत व्यवहार को भी आदत बना लेता हैं. यह व्यवहार उसके जीवन का अंग बन जाता हैं. इस प्रकार की आदतों से उस व्यक्ति तथा समाज दोनों का नुकसान होता है. अतः ऐसी आदतों को छोड़ना पड़ता हैं.
बुरी आदतों को छुडवाने के लिए सुझाव | Tips for Breaking Bad Habits
बुरी आदतों को छुड़वाने के लिए परिवार, शिक्षक और बालक को निम्नलिखित विधियों का प्रयोग कर सकते हैं. बुरी आदतें एकाएक नही छूट सकती हैं, इसलिए आपको सकारात्मक परिणाम मिलने में थोड़ा वक्त लग सकता हैं.
#1 – संकल्प या दृढ़ संकल्प | Determination
बालक को अपनी बुरी आदतों को छोड़ने के लिए दृढ़ संकल्प करना चाहिए. कुछ विद्वानों का सुझाव है कि यह संकल्प एकांत में न करके अपने मित्रों, सम्बन्धियों, माता-पिता आदि के समक्ष करना चाहिए.
#2 – आत्म सुझाव | Self Suggestion
बालक आत्म-सुझाव द्वारा अपनी किसी भी बुरी आदत को छोड़ने या तोड़ने में सफ़लता प्राप्त कर सकता हैं. उदाहरणार्थ, यदि वह सिगरेट पीने की आदत छोड़ना चाहता है, तो उसे अपने आप से यह कहते रहना चाहिए – “सिगरेट पीने से कैंसर हो जाता है. इसलिए, मुझे सिगरेट पीना छोड़ देना चाहिए.”
#3 – ठीक अभ्यास | Fine Practice
नाईट डनलप के अनुसार – यदि बालक में कोई गलत कार्य करने की आदत पड़ गई हैं, तो वह उसका ठीक अभ्यास करके उसका अंत कर सकता हैं. उदाहरणार्थ – “यदि वह कुछ शब्दों को गलत बोलता या लिखता है, तो उसे उनको बोलने या लिखने का सही अभ्यास करना चाहिये.”
#4 – नई आदत का निर्माण | New Habit Formation
यदि बालक किसी बुरी आदत का परित्याग करना चाहता है, तो उसे उसके स्थान पर किसी नई और अच्छी आदत का निर्माण करना चाहिए. विद्वानों के अनुसार – “अच्छी आदत, बुरी आदत के प्रकटीकरण को अवसर नहीं देती है. अतः उसका स्वयं ही अंत हो जाता है.”
#5 – आदत का एकदम या धीरे-धीरे त्याग | Sudden or Gradual abandonment of habit
जेम्स के अनुसार – बालक कुछ आदतों का परित्याग उनको एकदम छोड़कर और कुछ को धीरे-धीरे छोड़कर कर सकता हैं. उदाहरणार्थ, यदि उसमें किसी नशीली वस्तु का प्रयोग करने की आदत है, तो वह उसका प्रयोग सदैव के लिए एकदम बंद कर सकता हैं. यदि आदत इससे कम खराब है, तो वह धीरे-धीरे तोड़ सकता है. उदाहरणार्थ, वह चाय पीना धीरे-धीरे कम करके बिलकुल समाप्त कर सकता हैं.
#6 – अप्रत्यक्ष आलोचना | Indirect Criticism
बालक में कुछ आदतें संवेगात्मक असंतुलन के कारण होती है, जैसे – नाखून या कलम चबाना. शिक्षक इस प्रकार की आदत की अप्रत्यक्ष आलोचना करके उसको छुड़वा सकता हैं. उदाहरणार्थ, वह बालक से यह कह सकता है – “नाखून चबाना हानिकारक आदत है; क्योंकि नाखूनों की गंदगी पेट में पहुँचकर हानि पहुँचाती है.”
#7 – संगति में परिवर्तन
कभी-कभी बालक में बुरे बालकों की संगति के कारण चोरी करने, झूठ बोलने, विद्यालय से भाग जाने आदि कई बुरी आदत पड़ जाती हैं. ऐसी दशा में शिक्षक को यह प्रयास करना चाहिए कि बालक बुरी संगति को छोड़ दे. उसे इस कार्य में बालक के माता-पिता का सहयोग प्राप्त करना चाहिये.
#8- दण्ड | Punishment
शिक्षक, दंड का प्रयोग करके बालक की बुरी आदत को छुड़वा सकता हैं. पर दंड गलत कार्य के तुरंत बाद ही दिया जाना चाहिए. बहुत समय बाद दिए जाने वाले दंड को बालक अपने प्रति अन्याय समझता हैं.
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