प्रशंसा पर सुविचार | Appreciation Quotes Shayari Status in Hindi

Appreciation Quotes Shayari Status Thoughts Image Photo in Hindi – इस आर्टिकल में प्रशंसा पर कोट्स शायरी स्टेटस आदि दिए हुए है।

प्रशंसा क्या है? कौन प्रशंसा का पात्र है? प्रशंसा किसकी और कैसे करनी चाहिए? अपनी प्रशंसा सुनकर व्यक्ति की क्या प्रतिक्रिया होनी चाहिए? प्रशंसा के क्या हानि-लाभ है आदि प्रश्नों का सटीक विवेचन मनीषियों एवं विचारकों की दृष्टि से।

Appreciation Quotes in Hindi

प्रशंसा से बचो,
यह आपके व्यक्तित्व की
अच्छाईयों को घुन की तरह
चाट जाती हैं.
चाणक्य


किसी के गुणों की प्रशंसा करने में
अपना समय मत खोवो उसके गुणों
को अपनाने का प्रयास करो।
कार्ल मार्क्स


प्रत्येक व्यक्ति प्रशंसा चाहता हैं.
लिंकन


प्रशंसा कर्तव्यपरायणता के लिए बाध्य करती है,
चापलूसी कर्तव्य विमुखता की ओर ले जाती हैं.
मिल्टन


प्रशंसा को वीरता के
कार्यों की सुगंध ही समझिये.
सुकरात


प्रशंसा केवल भड़कीले वस्त्रों में
लिपटा हुआ असत्य है.
अज्ञात


प्रशंसा पर सुविचार

अपनी प्रशंसा सुनकर
हम इतने मतवाले हो जाते है
फिर हममें विवेक की शक्ति भी
लुप्त हो जाती है. बड़े-से-बड़ा
महात्मा भी अपनी प्रशंसा
सुनकर फूल उठता है.
प्रेमचंद


प्रशंसा विवेकी को नम्र बनाती है
मूर्ख को अहंकारी और
दुर्बल मन को मदहोश कर देती है.
फ़ैलथम


प्रशंसा खोजने वालो को
वह नहीं मिलती.
खलील जिब्रान


प्रशंसा अच्छे गुणों की छाया है
और गुणों की छाया के अनुसार
योग्यता साबित करती है.
बेकन


ध्वनियों में सबसे मधुर है प्रशंसा की ध्वनि.
जिनेफोन


प्रशंसा पर दोहे

बड़ा बड़ाई ना करे, बड़ा न बोले बोल।
हीरा मुख से ना कहे, लाख टका मेरो मोल।।


Shayari for Appreciation in Hindi

प्रशंसा में छुपा झूठ और
आलोचना में छुपा सच
जिसने भी जान लिया
समझो जीवन को पहचान लिया।


कहीं प्रशंसा कहीं से ताली
कहीं भरा दिल कहीं से खाली,
मैं इतनी उम्र बिताली जैसे तैसे प्यार में
रात-रात भर तुमको गाय सुबह छपे अखबार में।


Appreciation Shayari in Hindi

कही मिलेगी जिंदिग में प्रशंसा तो
कहीं नाराजगियों का बहाव मिलेगा,
कही मिलेगी सच्चे मन से दुआ तो
कहीं भावनाओं में दुर्भाव मिलेगा ,
तो छलछल रही अपने कर्मपथ पे
जैसा तेरा भाव वैसा प्रभाव मिलेगा।


मैं क्यो सब की करूँ बन्दगी,
मैं क्यो सबको शीश नवाऊँ
मैं क्यो हरदम चारण बन कर,
गीत प्रशंसा के ही गाऊँ।


Appreciation Status in Hindi

प्रसन्न होना हो तो प्रशंसा सुनिए,
उत्तम होना हो तो निंदा को सुनिए।


प्रशंसा से पिघलना मत,
आलोचना से उबलना मत।


अगर आपकी कोई प्रशंसा कर रहा है,
तो प्रसन्न नहीं, सावधान होने की जरूरत हैं।


पत्नी की झूठी प्रशंसा जरूर करें,
अगर घर में इससे शांति आती है।


जीवन में इतने अच्छे कार्य करने चाहिए,
जिसकी तारीफ़ उसके शत्रु भी जरूर करें।


Praise Quotes in Hindi

प्रशंसा के भूखे यह सिद्ध कर देते हैं
कि उनमें योग्यता का अभाव है।
प्लुटार्क


यदि तुमने मेरी कम प्रशंसा की होती
तो मैं तुम्हारी अधिक प्रशंसा करता।
लुई 18वां


प्रशंसा की भूख जिसे लग जाती है,
वह कभी तृप्त नहीं होता।
अज्ञात


बिना प्रशंसा किये किसी को
प्रसन्न नहीं किया जा सकता और
न बिना असत्य भाषण किये
किसी की प्रशंसा की जा सकती है।
सेमुअल जानसन


प्रशंसा एक अत्यंत क्षणभंगुर
उत्तेजना-मात्र है, जो इसके पात्र से
निकटता प्राप्त करते ही शीघ्र
नष्ट हो जाती है।
एडीसन


बेस्ट प्रशंसा कोट्स

जैसे चांदी की परख कुठाली पर
और सोने की परख भट्टी में होती है,
वैसे ही मनुष्य की परख लोगों के द्वारा
की गई प्रशंसा से होती है.
नीतिवचन


जब कोई आदमी आपसे नसीहत चाहता है,
तो वास्तव में आपकी प्रशंसा चाहता है.
चेस्टर फील्ड


सही प्रशंसा व्यक्ति का हौसला बढ़ाती है,
अधिक प्रशंसा व्यक्ति को लापरवाह बनाती है.
दुनियाहैगोल


अपनी पुस्तकों की प्रशंसा करने वाला
लेखक अपने बच्चों की प्रशंसा करने
वाली माता के समान है.
डिजरायली


अगर तुमने मेरी प्रशंसा कम की होती
तो मैं तुम्हारी अधिक करता.
लुई


प्रशंसा पर अनमोल विचार

क्या तुम स्वयं अपनी प्रशंसा कर सकते हो?
यदि हाँ, तो फिर कोई कितनी भी तुम्हारी निंदा करे,
तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता.
वेदान्त तीर्थ


प्रशंसा आपके व्यक्तित्व के
मूल केंद्र पर चोट करती है,
इससे आप जान सकते है कि
आपके सामने बैठे व्यक्ति का
मानसिक तथा आध्यात्मिक
स्तर क्या है.
स्वामी अमरमुनि


प्रशंसा अज्ञान की बेटी है.
फ्रैंकलिन


प्रशंसा की तेज लहरों के बीच से
उसे निकाल पाना आसान नहीं,
जो आपको भुलावे में नही रखता,
बल्कि आपके आत्मविश्वास को बढ़ाता है.
आचार्य मृत्युंजय


प्रशंसा एक ऐसा जाल है,
जिसमें तेज रफ्तार परिंदा
खुद आकर फंस जाता है.
स्वामी अमरमुनि


Appreciation Quotes for Good Work in Hindi

अच्छे कार्य की प्रशंसा हमेशा की जाती है,
और अच्छे लोग उस प्रशंसा को विनम्रता
से स्वीकार करते है।
दुनियाहैगोल


झूठी प्रशंसा व्यक्ति को जीवन में
आगे नहीं बढ़ने देती है और सच्ची
प्रशंसा व्यक्ति के हौसले को बढ़ाती है।
दुनियाहैगोल


कार्य को इतने बेहतरीन तरीके से करो,
कि शत्रु और मित्र दोनों उसकी प्रसंसा करें।
दुनियाहैगोल


अगर आपकी प्रशंसा या निंदा नही हो रही
तो समझ लेना आपका जन्म सिर्फ
जनगणना के लिए हुआ है।
अज्ञात


लक्ष्य यदि सर्वोपरि है
तो फिर आलोचना
विवेचना और प्रशंसा
कोई मायने नहीं रखती है।
अज्ञात


Quotes on Praise in Hindi

दूरी ही प्रशंसा की गहराई
का मूल कारण है।
डाइटरॉट


प्रशंसा श्रेष्ठ मस्तिष्क वालो को
सत्प्रेरणादायिनी होती है, और
क्षीण मस्तिष्क वालों के लिए अंत।
कोल्टन


हम सदैव उनको प्रेम करते है
जो हमारी प्रशंसा करते हैं,
हम सदैव उन्हें प्रेम नहीं करते
जिनकी हम प्रशंसा करते हैं।
रोश फूको


अयोग्य मनुष्यों की प्रशंसा
छिपे हुए व्यंग्य के समान होती है।
ब्राडहस्ट


चापलूसी करना बहुत-से लोग जानते हैं,
बहुत कम लोग जानते हैं कि प्रशंसा
कैसे की जाती है।
वेंडेल फिलिप्स


प्रशंसा पर विचार

स्वर्ण और हीरे के समान,
प्रशंसा का मूल्य केवल
उसके दुर्लभत्व में ही होता है।
डॉ. जॉनसन


आप प्रत्येक व्यक्ति का चरित्र
यह देखकर बता सकते हैं कि
वह अपनी प्रशंसा से कैसे प्रभावित होता है।
सेनेका


हृदय से प्रशंसा करना प्रेम करना है,
मस्तिष्क से प्रेम करना प्रशंसा करना है।
टी गेन्टियर


प्रशंसा वहां आरम्भ होती है,
जहाँ परिचय समाप्त होता है।
एम. जानसन


प्रशंसा निरर्थक शब्दों की
प्रतिध्वनि-मात्र है।
बायर्स


प्रशंसा पर अनमोल वचन

मानव-प्रकृति में सबसे गहरा नियम
प्रशंसा प्राप्त करने की लालसा है।
विलियम जेम्स


एक बुद्धिमान पुरूष की प्रशंसा
उसकी अनुपस्थिति में कीजिये।
किन्तु स्त्री की प्रशंसा उसके मुख पर।
वेल्स की लोकोक्ति


मनुष्य के भीतर जो कुछ सर्वोत्तम है
उसका विकास प्रशंसा एवं प्रोत्साहन
द्वारा ही किया जा सकता है।
चार्ल्स श्वेब


प्रशंसा से इंकार करने का अर्थ है;
दुबारा प्रशंसा सुनने को लालायित होना।
ला रोश फूको


हम प्रशंसा, आशा और प्रेम से जीते है।
वलियम वर्ड्सवर्थ


किसी की प्रशंसा के लिए वाक्य

दूसरे की प्रशंसा करना बहुत कम
लोग जानते हैं, इसलिए जब भी कोई
आपकी प्रशंसा करे तो यह जानने की
कोशिश करें कि सामने वाला
आपसे आखिर चाहता क्या है ?
स्वामी गोविन्द प्रकाश


प्रशंसा के वचन साहस बढ़ाने में
अचूक औषधि का काम देते हैं।
सुदर्शन


सच्ची प्रशंसा जड़ पकड़कर पनपती है।
कहावत


मैं प्रशंसा उन्मुख स्वर से करता हूँ,
किन्तु निंदा धीमे स्वर से।
रूस का द्वितीय केथरीन


प्रशंसा के प्रति अनुराग पर ही
सदैव किसी जाति का महान
प्रयास आधारित रहा है, जैसे
उसका पतन विलासिता के
प्रति अनुराग में रहा है।
रस्किन


किसी दूसरी वस्तु की
इतनी आवश्यकता नहीं है
जितनी की आत्मपूजा की
भूख की पोषण की।
अज्ञात


Quotes on Appreciation in Hindi

जब भी मैं अपने अतीत में
झाँककर देखता हूँ तो मुझे
स्पष्ट दिखाई देता है कि मुझे
लोगों ने मेरी प्रशंसा करके
ज्यादा ठगा है।
के. हैरी


प्रशंसा की मीठी अग्नि यमराज के कठोर
हृदय को भी मोम बना देती है, तभी तो वह
अपने भक्त को अमर होने का वर दे देता है,
यह जानते हुए भी कि इस संसार में कोई अमर नहीं।
वेदांत तीर्थ


प्रशंसा वह फूल है
जो मृतक के नाम के
साथ खिलता है।
मदर व्हेल


जो प्रशंसा के क्षणों में अपना होश
बनाए रख सकता है, असल में
वही साधक है।
स्वामी रामतीर्थ


प्रशंसा तो भाग्य से मिलती है
ईमानदार आप स्वयं बन सकते है।
रूजवेल्ट


सच्ची प्रशंसा आलोचक द्वारा की जाती है
क्योंकि जहाँ वह अपनी ऊँगली नहीं रख पाता
मानो वह उन-उन स्थानों द्वारा तुम्हारी
मूक प्रशंसा करता है।
तीर्थानन्द


प्रशंसा प्रार्थना से अधिक दिव्य है,
प्रार्थना स्वयं का तैयार रास्ता हमें
दिखती है, प्रशंसा वहां पहले से ही
उपस्थित रहती है।
यंग


अत्यधिक प्रशंसा बहुत थोड़े समय
रहनेवाली भावना है। ज्यों ही आपकी
जानकारी उस व्यक्ति से बढ़ती है,
जिसकी आप प्रशंसा करते है, तब तुरंत ही
आप उसकी प्रशंसा की कसौटी करने लगते हैं।
एडीसन


सच्ची प्रशंसा करना सीखो,
यह श्रेष्ठ गुण हैं।
तथागत


प्रशंसा जब तक प्रेरणा देती हैं
तब तक ही अच्छी हैं,
जब यह अभिमान बढ़ाने लगती हैं
तो खतरनाक हो जाती हैं.
अज्ञात


प्रशंसा का दर्द – Appreciation Story in Hindi

अमेरिका के सुप्रसिद्ध दार्शनिक, वैज्ञानिक और राजनयिक बेंजामिन फ्रेंकलिन ने अपने बचपन की घटना का उल्लेख करते हुए कहा है कि जब भी कोई मेरी प्रशंसा करता है, तो मुझे बचपन की वह घटना याद आ जाती है, जब एक साधारण- से अनपढ़ लुहार ने मुझे ठगा था।

घटना इस प्रकार है –
मैं स्कूल जा रहा था। रास्ते में लुहार को काम करते हुए देखकर मेरी जिज्ञासा ने मुझे रोक लिया। मैं काम करते लुहार को गौर से देखने लगा। लुहार को काम करने में परेशानी हो रही थी। धौंकनी चलाना और लोहे के टुकड़े को आग में तपाकर उस पर हथौड़ा चलाने के लिए उसी किसी दुसरे व्यक्ति की आवश्यकता थी। और मैं उसे मिल गया था। उसने मुझे प्यार से बुलाया और अपनी बातों में उलझाकर मनोवैज्ञानिक रूप से विवश कर दिया कि मैं उसके लिए धौंकनी चलाऊं। मैं पहले हिचका, लेकिन फिर मुझे वैसा करने में मजा आने लगा। बीच में जब मुझे अपने स्कूल की याद आती, और मेरे हाथों की गति धीमी होने लगती, तो वह लुहार मेरी प्रशंसा करके मुझे उसे भूल जाने को मजबूर कर देता। प्रशंसा सुनकर कैसे किसी से अपने मन मुताबिक़ काम करवाया जा सकता है, इसे मैं आज खुली आँखों से देख पा रहा हूँ, लेकिन तब ऐसा न था; तब तो मैं लुहार के मुख से अपनी प्रशंसा सुनकर फूला नहीं समा रहा था।

अपना काम खत्म कर लेने के बाद लुहार ने स्वयं मुझे स्कूल की याद दिलवाई। अब वह चाहता था कि कोई उसकी हरकत को देख न ले। मनुष्य का मनोविज्ञान कैसे काम करता है अपने स्वार्थ के लिए।

उस दिन मैं स्कूल नहीं गया। अगले रोज जब मैं उठा तो मेरे कन्धों की मांसपेशियां खिंची हुई थी। उस दिन दर्द के मारे मुझे उठा नहीं गया।

उस दिन के बाद जब भी कोई मेरी प्रशंसा करता है, तो मेरे शरीर की मांसपेशियों में दर्द होने लगता है। मैं सावधान हो जाता हूँ कि मैं कुछ ऐसा तो नहीं करने जा रहा, जो मेरी सामर्थ्य से बाहर हो।

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