Abraham Lincoln Biography In Hindi – अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति थे. इनका कार्यकाल 1861 से 1865 तक था. ये रिपब्लिकन पार्टी से थे. लिंकन जी ने अमेरिका को सबसे बड़े संकट “अमेरिकी गृहयुद्ध” से बचाया था. इन्होने अमेरिका में दास प्रथा के अंत का श्रेय अब्राहम लिंकन को ही जाता है.
अब्राहम लिंकन की जीवनी | Abraham Lincoln Biography
पूरा नाम – अब्राहम थॉमस लिंकन ( Abraham Thomas Lincoln )
प्रसिद्ध नाम – अब्राहम लिंकन
जन्मतिथि – 12 फरवरी, 1809
जन्म स्थान – केंटुकी, अमेरिका
माता का नाम – नेन्सी
पिता का नाम – थॉमस लिंकन
विवाह – मेरी टॉड के साथ
बच्चे – रोबर्ट, एडवर्ड, विल्ली और टेड
मृत्युतिथि – 15 अप्रैल, 1865
कार्यक्षेत्र – वकालत
राष्ट्रीयता – अमेरिकन
उपलब्धि – अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति
अब्राहम लिंकन से सम्बन्धित तथ्य | Facts related to Abraham Lincoln
- जब अब्राहम लिंकन मात्र 9 साल के थे तब इनकी माता का 5 अक्टूबर, 1818 में निधन हो गया.
- इनकी माता के मृत्यु के एक साल बाद 1819 में इनके पिता थॉमस लिंकन ने सारह बुश जॉनसन से शादी कर ली, जोकि एक विधवा और तीन बच्चो की माँ थी.
- अब्राहम लिंकन (Abraham Lincoln) एक साधारण परिवार से थे और इनकी औपचारिक शिक्षा नाममात्र की ही थी, इन्होने जो भी ज्ञान प्राप्त किया था वह स्वअध्ययन से किया था किन्तु इसके बावजूद वे अमेरिका के 16वे राष्ट्रपति बने और अमेरिकी इतिहास में इनका महत्वपूर्ण स्थान हैं.
- सन् 1837 ई. में, अब्राहम लिंकन ने राजनीति की ओर अपना कदम बढ़ाया और व्हिंग पार्टी के नेता बन गये.
- सन् 1944 ई. में अब्राहम लिंकन ने विलियम हेर्नदों के साथ वकालत का प्रशिक्षण किया और कुछ समय पश्चात वो वकील बन गये. वकालत में उन्होंने ज्यादा पैसे तो नहीं कमाये पर नाम कमाया.
- सन् 1854 में अब्राहम लिंकन ने एक बार फिर अपनी किस्मत को राजनीति में आजमाने की सोची. व्हिंग पार्टी में रहकर ये कई चुनाव लड़े, किन्तु कुछ समय पश्चात व्हिंग पार्टी खत्म हो गई.
- सन् 1856 ई. में ये रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य बने और इस पार्टी के सबसे काबिल नेता साबित हुए. इस समय वे उपराष्ट्रपति के लिय चुनाव में खड़े हुए और उन्हें बहुत कम वोट मिले और चुनाव हार गये.
- राष्ट्र का पूरा ध्यान केन्सास में हो रही हिंसा और डरेड स्कॉट के केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसला की तरफ चला गया था, जोकि नए राज्य में गुलामी के मामले के वाद-विवाद पर था. अब्राहम लिंकन को लोग बहुत पसंद करते थे क्योंकि लिंकन ने देश में हो रही गुलामी की प्रथा को खत्म करने के लिए बहुत से काम किये.
- सन् 1856 ई. में इनके पिता की मृत्यु हो गयी.
- 6 नवम्बर, सन् 1860 ई. में अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए और राष्ट्र संकट (1861-1865 के गृह युद्ध) के दौरान कुशल नेतृत्व किया. इन्होंने अमेरिका को एक करने एवं उसे गुलामी से मुक्ति दिलवाने में अहम भूमिका निभाई.
- 4 मार्च, सन् 1865 ई. को जब युद्ध समाप्ति की ओर था तब लिंकन जी ने दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली.
- 14 अप्रैल, 1865 को अब्राहम लिंकन ( Abraham Lincoln ) वाशिंगटन डीसी के फोर्ड थिएटर में एक नाटक देख रहे थे वही उनकी हत्या कर दी गयी.
अब्राहम लिंकन की मोटिवेशनल स्टोरी | Motivational Story of Abraham Lincoln
अब्राहम लिंकन एक गरीब परिवार से थे और जब वे वकालत करते थे तो अपने मुवक्किल से कम से कम पैसा लेते थे और समय, स्थिति और परिस्थिति को देखकर कभी-कभी वो भी नहीं लेते थे. लिंकन जी के बारें में बहुत सारे किस्से है जो हमें और आपको ईमानदारी से जीने के लिए प्रेरित करते हैं –
एक शहीद सैनिक की विधवा को उसकी पेंशन के 400 डॉलर दिलाने के लिए पेंशन एजेंट 200 डॉलर फीस की मांग कर रहा था लेकिन लिंकन जी ने उस महिला के लिए मुफ्त में वकालत की और रहने के लिए पैसे और वापसी का टिकट भी दिया.
अब्राहम लिंकन अपने मुवक्किलों को अदालत के बाहर ही राजीनामा करके मामला निपटा लेने की सलाह देते थे ताकि दोनों पक्षों का धन मुकदमेबाजी में बर्बाद न हो जाये इसके बदलें में उन्हें न के बराबर ही फीस मिलती थी.
अब्राहम लिंकन और उनके एक सहयोगी वकील ने एक बार एक मानसिक रोगी महिला का केस लिया. उस मानसिक रोगी महिला के जमीन पर किसी धूर्त आदमी ने कब्जा कर लिया था. अदालत में यह मामला केवल 15 मिनट चला और उस धूर्त आदमी को सजा दिलवाई. केस जीतने के बाद सहयोगी वकील लिंकन जी को पैसे देने लगा तब उन्होंने उसे डांट दिया. सहयोगी वकील ने कहा उस महिला के भाई ने पूरी फीस चुका दी थी और अदालत के निर्णय से वे प्रसन्न थे परन्तु लिंकन जी ने कहा – “लेकिन मैं खुश नहीं हूँ ! वह पैसा एक बेचारी रोगी महिला का है और मैं ऐसा पैसा लेने के बजाय भूखे मरना पसंद करूंगा. तुम मेरी फीस की रकम उसे वापस कर दो.”
ऐसे ईमानदार और सच्चे व्यक्ति विशेष से हर व्यक्ति को प्रेरणा लेनी चाहिए. ईमानदार व्यक्ति और परिश्रमी व्यक्ति ही इतिहास रचते हैं.