क्रोध क्यों आता है? | Krodh Kyon Aata Hai?

क्रोध क्यों आता है? | Krodh Kyon Aata Hai? – क्रोध आने के बहुत से कारण हो सकते है. अगल-अलग लोगो के अलग-अलग विचार हो सकते है. जो व्यक्ति क्रोध को जैसा अनुभव करेगा वह उस प्रकार से आपको बताएगा। यह प्रश्न ऐसा ही कि आप उत्तर से सौ प्रतिशत संतुष्ट नहीं हो सकते है. जब आप आपको क्रोध क्यों आता है. तो आपको विभिन्न विचार मन में आएंगे। कि मैं इस वजह से क्रोधित होता हूँ. मैं उस वजह से क्रोधित होता हूँ. बहुत लोग क्रोध को अवगुण मानते है. लेकिन अत्यधिक क्रोधित होना एक अवगुण होता है. अगर क्रोध नियंत्रण में हो तो वह गुण होता है.

मन का भाव जैसा होगा क्रोध सामने वाले पर वैसा ही प्रभाव डालेगा। एक माँ जब बच्चे को डाँटती है तो माँ के मन बच्चे के कल्याण का भाव होता है. इसलिए यह क्रोध बच्चे मन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है. जब क्रोध पर नियंत्रण नहीं होता है तो वही क्रोध नकारात्मक प्रभाव भी डालता है. उदाहरण के लिए जब बच्चा पढ़ता नहीं है तो माँ क्रोधित होती है और उसे पढ़ने के लिए डाँटती है. यहाँ तक तो ठीक है जब क्रोध अनियंत्रित हो जाता है तो माँ बच्चे को मारने लगती है. यहाँ पर क्रोध नकारात्मक प्रभाव डालता है. मेरा मानना है कि नकारात्मक क्रोध और सकारात्मक क्रोध में बड़ा बारीक अंतर होता है जिसे समझना बड़ा ही मुश्किल है.

इंसान को क्रोध क्यों आता है?

मानसिक रूप से कमजोर लोग ज्यादा क्रोधित होते है. इसे ऐसा भी कहा जा सकता है कि कम विकसित दिमाग ज्यादा क्रोधित होता है. जब हमारे विचारों के अनुरूप कोई व्यक्ति कार्य करता नहीं है या कोई कार्य होता नही है तब हम क्रोधित हो जाते है. अब इसे एक उदाहरण से समझते है. ज्यादातर कम उम्र के बच्चे जिद्दी और क्रोधी होते है क्योंकि उनका दिमाग उस उम्र में कम विकसित होता है. वे क्रोधित उस समय होते है जब उनकी बात कोई मानता नहीं है या बच्चों पर जब कोई अपना विचार थोपता है।

अब एक वयस्क व्यक्ति का उदाहरण लेते है. मान लीजिये एक परिवार में पति-पत्नी है वो एक दुसरे पर क्यों क्रोधित होते है. जब उनके विचारों के अनुरूप कार्य नहीं होता है. पत्नी यह उम्मीद करती है कि जब वह कॉल करेगी तो उसका पति जरूर उठाएगा। मगर व्यस्त रहने के कारण या किसी अन्य कारण से अगर पति फ़ोन नहीं उठाता है तो पत्नी को क्रोध आता है. वो क्षणिक भी हो सकता है. ऐसा ही पति के साथ भी होता है. अगर उसका फ़ोन पत्नी ना उठाये तो वो क्रोधित हो जाता है. क्योंकि यहां पति और पत्नी दोनों पहले ही यह मान चुके थे कि फ़ोन करने पर उठा लिया जाएगा मगर ऐसा नहीं हुआ. यानी उनके विचार के अनुसार कार्य नहीं हुआ.

क्रोध क्यों आता है? इसके कुछ अन्य कारण

  • मानसिक रूप से बीमार या मानसिक रोगी को भी क्रोध आता है. कई बीमारियों में लोग चिड़चिड़े हो जाता है जिसकी वजह से भी क्रोध आता है.
  • इंसान के अंदर किसी के प्रति घृणा, नफरत, ईर्ष्या का भाव होता है तो उस व्यक्ति से वह बहुत जल्दी क्रोधित हो जाता है. अहंकार की वजह से भी इंसान क्रोधित हो जाता है. उदाहरण के लिए जब दो अलग-अलग पार्टी के नेता बहस करते है तो उनके अंदर एक दुसरे के प्रति इतनी घृणा और नफरत होती है कि से जल्द ही एक दुसरे पर क्रोधित होने लगते है. लेकिन बहुत से नेता ऐसे भी होते है जिन्हे अपने क्रोध पर नियंत्रण करने का हुनर आता है.
  • जब मन प्रसन्न रहता है तो हम बहुत कम या ना के बराबर क्रोधित होते है. जब मन अप्रसन्न रहता है तो बिना वजह ही क्रोधित हो जाते है. इसलिए कहा जा सकता है कि मन की अप्रसन्नता के कारण भी क्रोध आता है. मन अप्रसन्न होता है तो किसी के अच्छी बात पर भी क्रोधित हो जाते है.
  • कई बार लोग अपना रौब दिखाने के लिए या किसी साथी या आस-पास के लोगो को प्रभावित करने के लिए भी क्रोध करते है. इसमें अक्सर ताकतवर व्यक्ति कमजोर व्यक्ति पर क्रोधित होता है.

क्रोध पर लिखे इस आर्टिकल में मैं बहुत ज्यादा संतुष्ट नहीं हूँ. क्योंकि “क्रोध क्यों आता है?” इसे मात्र एक लेख से हम नहीं समझ सकते है. लेकिन इसे पढ़ने के बाद क्रोध के बारें में आपको कुछ अलग और कुछ ज्यादा पता होगा। अगर आप के पास ‘क्रोध‘ पर कोई विचार या लेख है तो हमारे ईमेल आईडी – [email protected] पर भेजे।

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