सर्दी पर स्लोगन | Winter Slogans in Hindi

Winter Slogans Nare Poster in Hindi – इस आर्टिकल में सर्दी पर नारे, ठंड पर नारे, विंटर स्लोगन्स इन हिंदी आदि दिए हुए हैं। ठंड का मौसम ज्यादातर लोगो को पसंद आता है क्योंकि गर्मी उन लोगो को कुछ ज्यादा ही परेशान कर देती है।

Winter Slogans in Hindi

जब ठंड धीरे-धीरे आने लगती हैं,
तब चाय की गर्माहट भाने लगती हैं।


बड़ी अच्छी लगती है ठंड की रातें,
और गर्लफ्रेंड की प्यारी-प्यारी बातें।


प्यार तुमसे है मगर धन नहीं है,
अभी रजाई से निकलने का मन नहीं है।


जो कहते है तेरे लिए जान देंगे,
उनका हम ठंड में इम्तिहान लेंगे।


तू बेवफा है, जा तेरा हर काम हो जाएँ,
भगवान् करे तुझे ठंड में जुकाम हो जाएँ।


सर्दी पर स्लोगन

ठंड किसी को इजाजत नहीं देता नहाने की,
आपको सिर्फ जरूरत है किसी बहाने की।


सूरज भी बड़ा भाव खाता है,
ठंडी में बड़ी देर से आता है।


पानी है ठंडा फिर भी हम नहाएंगे,
बाल्टी भर के पूरी, मुंह धो के निकल आएंगे।


ठंड में लड़कियां कैसा फैशन करके चलती है,
लड़के कितना भी पहन ले फिर भी ठंड लगती है।


लोग तन्हा भी रह लेते है,
मौसम का बदलना सह लेते है।


ठंड पर नारे

सर्दी के मौसम में भी यादों को जमने नहीं देंगे,
तुझे गर्म बाहों में लेंगे और पिछलने नहीं देंगे।


इंसानियत के धागे कुछ कम पड़ रहे है,
मेरे शहर में कुछ गरीब सर्द में ठिठुर रहे हैं।


ठंड को फिजूल में निमंत्रण पर मत बुलाओ,
जितनी लम्बी कंबल हो उतना पैर फैलाओ।


डर लगता है इश्क़ जताने से पहले,
ठंड लगता है नहाने से पहले।


गर्मी में सूरज से नफरत होती है यार,
ठंड में तो हर कोई उसी से करता है प्यार।


Winter Poster in Hindi

ठंड में याद करके खोया नहीं जाता है,
सिर्फ रजाई तानकर सोया जाता है।


नहाने का भी निर्णय नहीं ले पाते है,
जब हद से ज्यादा ठंड बढ़ जाते हैं।


ठंड में बच्चों को नंगे पाँव दौड़ते देखा है,
ठंड भी मासूमियत के आगे झुक जाती है।


जो किसी मासूम का दिल तोड़कर जाएँ,
उसे ठंड लगे और वह रजाई ना पाएं।


अच्छा लगता है ठंड में धूप का इन्तजार,
सुबह-सुबह आलू पराठे से प्यार।


Sardi Par Nare

सलाम है उन नौजवानों को
जो ठंड में सरहद पर खड़े रहते हैं।


ये मीठी धूप और कोहरे की शाम है,
ये कड़कड़ाती सर्दी सनम तेरे नाम है।


इंसान से इंसान इतना जल रहा है,
फिर भी ठंड में बर्फ की तरह गल रहा है।


ठंड में जिसकी शादी हो गई है वे बधाई के पात्र हैं,
जिनकी नहीं हुई है वो रजाई के पात्र है।


ये सर्दियों का मौसम कोहरे का नजारा,
चाय के दो कप और इन्तजार तुम्हारा।


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