मोहब्बत तो बस इक एहसास हैं,
जिस से हो जाए बस वही खास हैं…
कुछ दिन से जिन्दगी मुझे पहचानती नही,
यूँ देखती हैं जैसे मुझे जानती नहीं…
फूलों से तुम हँसना सीखो,
भंवरों से तुम गाना,
दरखत की डाली से सीखों,
फल आये तो झुक जाना…
कल रात चाँद बिलकुल आप जैसा था,
वो ही ख़ूबसूरती,
वो ही नूर,
वो ही गुरूर,
और
वैसे ही आप की तरह दूर…