ईश्वर पर कविता | Poem on God in Hindi

Poem on God Bhagwan Ishwar in Hindi – इस आर्टिकल में ईश्वर पर बेहतरीन कविताएं दी गई हैं जिसके माध्यम से आप जान सकते हैं कि ईश्वर को कैसे पाया जा सकता है।

Poem on God in Hindi

कोई मंदिर, कोई मस्जिद
कोई गुरद्वारा तो कोई चर्च में
ईश्वर की प्रार्थना के लिए जाता है,
और वो इस सृष्टि का स्वामी
किसी शबरी की कुटिया में
प्रेम से दिए जूठे बेर खाता है।

हर कोई ईश्वर को पूजा,
अजान, प्रेयर, यज्ञ, व्रत, रोजा
करके पाना चाहता है,
और वो ईश्वर यशोदा के
आँगन में आकर माखन
चुराना चाहता है।

ईश्वर को पाने के लिए
ईश्वर की शक्ति को पाने के लिए
जप, तप, बलि, तंत्र-मन्त्र
आदि बेवजह आजमाता है,
ईश्वर तो प्रह्लाद जैसे भक्तों
को हर मुसीबत से बचाता है।

ईश्वर को तुम पा नहीं सकते
आडंबर भरे व्यवहार से,
ईश्वर को तुम पा नहीं सकते,
स्वार्थ, लालच और अहंकार से,
ईश्वर तो हर सुदामा का दोस्त है
अगर कोई पुकार ले प्यार से।


ईश्वर पर कविता | ईश्वर कहाँ हैं?

अक्सर हमारे मन में ख्याल आता है कि ईश्वर कहाँ रहते है? क्या कोई इंसान ईश्वर तक पहुँच पाता है? क्या ईश्वर प्रसन्न होने पर मनुष्य दर्शन देते हैं? क्या ईश्वर हमारे अंदर हैं? इन प्रश्नों का संतुष्टि भरा उत्तर देना बड़ा ही कठिन है। हकीकत में ईश्वर इंसान की कल्पनाओं में ही हैं। आइये इन कल्पनाओं और कविताओं के माध्यम से ईश्वर को खुद में महसूस करने का प्रयास करते हैं।

ईश्वर कहाँ हैं?
प्रेम की मिठास में,
फकीरों के लिबास में,
सच के एहसास में.
इंसान के हर सांस में
जीवन के आस में,
मन के विश्वास में हैं।

ईश्वर कहाँ हैं?
पत्थर के आकार में,
पेड़-पत्ते हर डार में,
समंदर के खार में,
जीव के व्यवहार में,
जीत और हार में,
मासूम से प्यार में है।

ईश्वर कहाँ हैं?
मष्तिस्क के ज्ञान में,
जीवन के विज्ञान में,
संगीत के गान में,
मुनियों के ध्यान में,
नन्हीं चींटी की जान में,
सच के बयान में हैं।

ईश्वर कहाँ हैं?
इस ब्रह्माण्ड के
कण-कण में,
बीते हुए और
आने वाले क्षण में,
खुद के अंदर देखो
हमारे मन में हैं।


Hindi Poem on Bhagwan

ईश्वर को हर धर्म में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। कोई कहता है ईश्वर का आकार है तो कोई कहता है निरंकार है। ईश्वर को जैसे भी माने वह हर रूप और हर नाम में विद्यमान है। लेकिन जब हम ईश्वर और धर्म के नाम पर हिंसा और नफरत को हृदय में पालते है। तब हम ईश्वर, धर्म और मनुष्यता का अपमान करते हैं। देश को देश के युवाओं से ही उम्मीद होती है। ईश्वर प्रेम में बसते है। आइये उसी प्रेम को हम अपने हृदय में बसाएं। इन कविताओं को दोस्तों तक पहुंचाएं।

इस पूरे ब्रह्माण्ड
इस पूरी सृष्टि को
कोई समझ नहीं पाता है,
ईश्वर को कई नामों
से जाना जाता है।

खुद के आस-पास देखो
हमने ईश्वर के नाम पर
सिर्फ आडंबर बढ़ाया है,
धर्म का नाम लेकर मासूमो
को आपस में लड़ाया है
सबको पता है
प्रेम में ईश्वर बसता है
मगर इंसान के स्वार्थ ने
नफरत और आतंक
को बढ़ाया है।

इंसान ने ही धर्म को
व्यापार बनाया हैं,
राजनीति ने इसका
सदा लाभ उठाया है,
जबसे धर्म को बचाने
का जिम्मा मूर्खों के
कन्धों पर आया है,
तब से सर्वश्रेष्ठ बनने की
होड़ ने नफरत और
आतंक को बढ़ाया है।

इस पूरे ब्रह्माण्ड
इस पूरी सृष्टि को
कोई समझ नहीं पाता है,
ईश्वर को कई नामों
से जाना जाता है।


Poem on Ishwar in Hindi

ज्ञानी कहते है
कि यह दुनिया
ईश्वर की माया है,
माया क्या होती है?
किसी के समझ में
नहीं आया है।

क्या सच है क्या सपना है,
क्या पराया है, क्या अपना है,
मुसीबत में जब कोई सहारा न हो
तो राम नाम जपना है,
छोटी-सी जिंदगी को
जिंदगी भर समझना है,
कितने भी हल ढूंढ लो
पर अंत में उलझना है।

कोई ज्ञान की प्राप्ति से
ईश्वर को पाना चाहता है,
कोई प्रेम की प्राप्ति से
ईश्वर को पाना चाहता है,
कोई दान देकर
ईश्वर को पाना चाहता है,
इस पाने की चाह ने ही
ज्यादा दूरी बढ़ाई है,
ज्ञानी सच ही कहते है
ये ईश्वर की माया है
जो किसी के समझ में
आज तक नहीं आया है।


आशा करता हूँ यह लेख God Poem Poetry Kavita in Hindi आपको जरूर पसंद आया होगा। इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें।

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