हवा महल की पूरी जानकारी | Hawa Mahal in Hindi

Hawa Mahal History in Hindi – हवा महल भारत के पिंक सिटी जयपुर में स्थित एक आकर्षक महल हैं जो अपनी अद्भुत रचना और कला कृति की वजह से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता हैं. इस पोस्ट में हम बात करेंगे हवा महल के इतिहास के बारें में और कुछ रहस्य के बारें में जिसेआजतक वैज्ञानिक भी सुलझा नहीं पायें हैं.

हवा महल का इतिहास | History of Hawa Mahal

इस महल का निर्माण महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने सन् 1799 ई. में करवाया था और इसका डिजाईन वास्तुकार लाल चंद उस्ताद ने किया था. इस महल की बनावट (डिजाईन) एक “राजमुकुट” की तरह हैं. Hawa Mahal (हवा महल) एक 5 मंजिला महल (स्मारक) हैं. इस महल में छोटी-बड़ी 953 खिड़कियाँ भी हैं जिन्हें झरोखा कहते हैं. इन झरोखों पर बनी कलाकृतियाँ भरातीय वास्तुकला के हुनर को दर्शाती हैं.

हवा महल की देखभाल राजस्थान सरकार का पुरातात्विक विभाग करता हैं. पूरे 50 वर्ष के बाद 2005-2006 में महल के नवीनीकरण का कार्य किया गया. इस स्मारक की देखभाल का ज़िम्मा पहले कॉर्पोरेट सेक्टर को दिया गया था लेकिन बाद में इसकी देखभाल और रखरखाव का जिम्मा “यूनिट ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया” ने उठाया.

हवा महल की सांस्कृतिक और शिल्प सम्बन्धी विरासत “हिन्दू राजपूत शिल्प कला” और “मुग़ल शैली” का एक अनूठा मिश्रण है, उदाहरण के लिए इसमें फूल-पत्तियों का आकर्षक काम, गुम्बद और विशाल खम्भे राजपूत शिल्प कला का बेजोड़ उदाहरण हैं, तो साथ ही साथ, पत्थर पर की गयी मुग़ल शैली की नक्काशी, सुन्दर मेहराब आदि मुग़ल शिल्प के नायाब उदाहरण हैं.

हवा महल एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जो लोग पिंक सिटी जयपुर घूमने आते हैं वो हवा महल जरूर घूमने जाते हैं. इसकी प्रसिद्धि बढ़ने के साथ-साथ इसके कॉम्प्लेक्स को भी विकसित किया गया. यहाँ पर पर्यटकों को बहुत सारी एतिहासिक चीजें देखने को मिलती हैं.

क्या आप जानते हैं इसे हवा महल क्यों कहा जाता हैं?

क्या आप जानते है कि हवा महल में ऐसा क्या हैं जो आज भी लोगो और वैज्ञानिकों को लिए रहस्य बना हुआ हैं. हवा महल की खूबियाँ इसके नाम में छिपी हुई हैं. हवा महल का मतलब होता हैं हवा घर या हवादार जगह. हवा महल की बनावट ऐसी हैं जिसके कारण यह पूरी तरह ठंडी रहती हैं. इसमें लगी 953 खिड़कियों से हमेशा ताज़ी और ठंडी हवा आती रहती हैं इसलिए इसे हवा महल कहा जाता हैं.

क्यों बना हवा महल?

हवा महल को इसलिए बनाया गया कि राजपूत की रानियाँ और राजकुमारियाँ इन झरोखों से शहर में निकलने वाले विशेष जुलूस और उत्सव को देख सके. उस समय ऐसा नहीं था कि कोई राजपूत स्त्री घर से बाहर निकले जिसके कारण यह बनवाया गया.

बिना नीव की इमारत

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हवा महल दुनिया की सबसे बड़ी बिना नीव की इमारत मानी जाती हैं. यह अपने आप में एक अजूबा है कि इतनी बड़ी इमारत बिना नीव के कैसे हो सकती हैं.

हवा महल की अन्य रोचक जानकारी | Other Interesting Facts about Hawa Mahal

  • भीषण गर्मी पड़ने पर भी हवा महल ( Hawa Mahal ) ठंडा रहता हैं.
  • हवा महल को “पैलेस ऑफ़ विंड्स ( Palace of Winds )” के नाम से भी प्रसिद्ध हैं.
  • बिना किसी नीव (आधार) के यह दुनिया का सबसे ऊँचा महल हैं.
  • हवा महल के सामने प्रवेश द्वार नहीं हैं. हवा महल का प्रवेश द्वार महल के दायीं और बायीं ओर बने हैं जहाँ से महल के पिछले हिस्से से महल में प्रवेश पाते हैं.
  • यह पांच मजिला इमारत 87 डिग्री के एंगल में खड़ा है.
  • हवा महल में कुल 953 खिड़कियाँ हैं जिनसे स्वच्छ और ताज़ी हवा आती है और महल को ठंडा रखती हैं.
  • इस स्मारक को वास्तुकार लाल चन्द उस्ताद ने डिजाईन किया था.
  • यह महल राजपूत की रानियों और राजकुमारियों के लिए बनवाया गया था.
  • यह महल “भगवान श्री कृष्ण” के राजमुकुट के आकृति के समान बनाया गया हैं.
  • सन् 1799 ई. में हवा महल को महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था.
  • फिल्मों की शूटिंग के लिए हवा महल पसंदीदा जगह हैं. बॉलीवुड और हॉलीवुड दोनों तरह की फिल्मों की शूटिंग यहाँ अक्सर होती रहती हैं.
  • हवा महल को बनाने में लाल और गुलाबी रंग के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया हैं.
  • हवा महल हिन्दू राजपूत शिल्प कला और मुग़ल शैली का अनूठा मिश्रण हैं. इन दोनों शैलियों के मिश्रण से बहुत ही कम महल बने हैं.
  • हवा महल में ऊपरी मंजिल पर जाने के लिए सीढ़ियाँ नहीं हैं. ऊपरी मंजिल पर जाने के लिए ढालू रास्ते बने हैं.
  • हवा महल की खिड़कियाँ में रंगीन शीशों का अनूठा शिल्प हैं. जब इन शीशों से सूर्य की रौशनी गुजरी हैं तो कमरों में इंद्रधनुषी आभा बनती हैं.

Hawa Mahal Video | हवा महल विडियो

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