गुरु पूर्णिंमा पर सुविचार | Guru Purnima Quotes in Hindi

Guru Purnima Quotes Wishes Message SMS MSG Thoughts Image Photo in Hindi – इस आर्टिकल में गुरु पूर्णिंमा पर सुविचार अनमोल वचन दिए हुए है.

आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा कहते है. प्राचीन काल में विद्यार्थी गुरूकुलों में शिक्षा प्राप्त करने जाते थे. छात्र इस दिन श्रद्धा भाव से प्रेरित होकर अपने गुरू का पूजन अनुसार दक्षिणा देकर गुरूजी को प्रसन्न करते थे.

गुरू का आशीर्वाद ही कल्याणकारी और ज्ञानवर्धक होता है. चारों वेदों के व्याख्याता व्यास ऋषि थे. हममे चारों वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि कृष्ण व्यास द्वैपाजन जी ही हैं. इसलिए वे हमारे आदि गुरू हुए. उनकी स्मृति को ताजा रखने के लिए हममें अपने-अपने गुरूओं को व्यास जी का ही अंश मानकर उनकी पूजा करनी चाहिए।

Guru Purnima Quotes in Hindi

समय भी सिखाता है और गुरु भी…!!
पर दोनों मे फर्क सिर्फ इतना है
कि गुरु सिखा कर परीक्षा लेता है;
और समय परीक्षा लेकर सिखाता है!
गुरू पूर्णिमा के शुभ अवसर पर गुरू जी को शत-शत नमन


भ्रम और संदेह को त्यागकर,
परम श्रद्धा से भरकर, नन्हें बच्चे की
तरह गुरू-ज्ञान रुपी दूध को पियो।
अहंकार का परित्याग कर, सहज भाव से
गुरू-चरणों की शरण लो, तभी तो यम
के दुखो से यह जीवन बच पायेगा।
कबीर


जो वर्णाश्रम से ऊपर उठ जाता है,
वह सद्गुरू कहलाता है,
वही मानव का हित कर सकता है.
जातक


गुरू की डाँट-डपट
पिता के प्यार से अच्छी है.
शेख सादी


गुरू मोक्षद्वार के द्वारपाल हैं,
प्रभु से मिलना है तो गुरू का
आलम्ब होना आवश्यक है.
मीरा


Guru Purnima Wishes in Hindi

गुरू शिष्य का संबंध बड़ा ही पवित्र और
सर्वोपरि संबंध हैं, गुरू के प्रति कृतज्ञता
व्यक्त करने का पर्व हैं।
गुरू पूर्णिमा की हार्दिक शुभकानाएं


गुरू बड़े भगवान से, कहता सकल संसार
जब मान लिया तो रो रहे, सारे धूर्त गंवार।
शुभ गुरू पूर्णिमा


गिरे पड़े को गुरु संम्हाले,
जान के बालक भोला रे,
कहे कबीर चरण चित्त राखों
जो सुई में डोरा रे।
गुरू पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं


पिताजी के द्वारा डांटा गया पुत्र,
गुरू द्वारा जांचा परखा गया शिष्य
तथा सुनार के द्वारा पीटा गया सोना
ये सब आभूषण ही बनते है.
हैप्पी गुरू पूर्णिमा


गुरू परमात्मा का रूप है.
गुरू अंतर्मन में झाँकने हेतु
सक्षम दृष्टि रखता है.
अज्ञात


Guru Purnima Wishes in Hindi

यदि सारी धरती को कागज मान लिया जाए,
सारे जंगल-बनों की लकड़ी कलम बना ली जाएँ
तथा समुद्रों की स्याही हो तो भी गुरू के गुण
नहीं लिख पाएंगे। गुरू की महिमा अनंत है,
गुरू का ज्ञान असीम और अनमोल है. भला उसे
कौन किसी भी काल में लिख सकता है.
कबीर


वे मनुष्य अंधों के समान हैं,
जो गुरू के महत्व को न समझकर
कुछ और ही कहते है. यदि कहीं हरि
(इष्ट देव) रूठ जाए तो स्थान मिल भी सकता है,
परन्तु गुरू के रूठने पर कहीं स्थान नहीं मिलता।
कबीर


जैसी प्रीत अपने कुल-परिवार से होती है,
यदि ऐसी गुरू के प्रति भक्ति हो तो फिर
सभी बाधाएं मिट जाती है. ऐसे सेवकों को कोई
बंधन में नहीं बांध सकता, उन्हें मोक्ष-प्राप्ति
निश्चित रूप से प्राप्त होती है.
कबीर


सोच-समझकर अपने तन-मन को
उस गुरू को समर्पित करो, जो सांसारिक
विषय-वासना से मुक्त हो, वैराग्यवान हो.
जो पूरी तरह अहंकार रहित हो, आत्मज्ञान
का अनुभवी हो और वह आत्म-साक्षात्कार करा सके.
कबीर


चाहे करोङो चन्द्रमा उदित हो जाएँ,
हजारों-करोङो सूर्य उदय होकर चमक उठे,
परन्तु अज्ञान रुपी अन्धकार नष्ट नहीं हो सकता।
चन्द्रमा और सूर्य से भौतिक जगत में प्रकाश मितला है,
परन्तु गुरू के पवित्र ज्ञान से हृदय का अन्धकार नष्ट
हो जाता है. बिना गुरू के जीवन में गहन अँधेरा छाया रहेगा।
कबीर


Guru Purnima Status in Hindi

गुरु के चरण में जब तेरा मन होगा
तब ही सुफल तेरा जीवन होगा।


जब तक गुरु मिले नहीं साचा,
तब तक गुरु करो दस पाँचा ।


गुरु गोविंद दोनों खड़े काके लागूं पाय
बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय


गुरू गुरू की पूजा में सबकी पूजा,
धरती पर गुरू समान कोई देव न दूजा।


कबीर, ये तन विष की बेलड़ी, गुरु अमृत की खान।
शीश दिए जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान।।


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