किसी पर भरोसा करो तो आखिरी साँस तक करो,
या तो एक सच्चा दोस्त पाओगे या तो एक अच्छी शिक्षा.
दोस्तों से बिछड़ के यह एहसास हुआ ग़ालिब
थे तो कमीने,
लेकिन रौनक भी उन्ही से थी.
दोस्ती पैसे की तरह हैं, बनाना आसान हैं
और संभाले रखना मुश्किल.
दोस्त ही हैं जो आपको पीट भी दें,
तब भी आप हँसते रहेंगे.
शक से भी अक्सर ख़त्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते,
कसूर हर बार गलतियों का नही होता.
ज़िन्दगी लम्बी हैं, दोस्त बनाते रहो..
दिल मिले ना मिले हाथ मिलाते रहो..