बचपन में मेरे दोस्तों के पास घड़ी
नही थी,
लेकिन समय सबके पास था.
बुरे वक्त में नही एक अच्छाई होती हैं,
जैसे ही ये आता हैं…
फ़ालतू के दोस्त विदा हो जाते हैं.
दोस्त को दौलत की निगाह से मत देखो,
वफ़ा करने वाले दोस्त अक्सर ग़रीब हुआ करते हैं.
माँ हमारी पहली टीचर होती हैं,
और दोस्त भी.
मौसम को जो महका दे उसे “इत्र” कहते हैं,
जीवन को जो महका दे उसे ही “मित्र ” कहते हैं.
अच्छे दोस्त कितनी बार भी रूठ जाए,
उन्हें मना लेना चाहिए क्योकि,
वो कमीने अपने सारे राज जानते हैं.