जिसे दिल से चाहते हैं उसे अपना बना लेते हैं,
ख्याल रखना,
हम “जान” दे देते हैं मगर “जाने” नही देते हैं.
इक ख्वाहिश हो जाए पूरी इबादत के बगैर,
वो आएँ, गले लगा ले, मेरी इजाजत के बगैर.
पता न था इश्क होता क्या हैं,
इक “तुम” मिले और ज़िन्दगी मुहब्बत बन गई.
दिल की ख्वाहिशे मेरी जुबान पर आने लगी,
तुमने देखा और ये जिन्दगी मुस्कुराने लगी.
नजरो को तेरे इश्क से इन्कार नही हैं,
अब मुझे किसी और का इन्तजार नही हैं.