बिल्ली की कहानी | Cat Story in Hindi

Cat Story in Hindi ( बिल्ली पर कहानी ) – इस आर्टिकल में बेहतरीन बिल्ली की कहानी दी हुई है. इन्हें जरूर पढ़े और शेयर करें.

बिल्ली की कहानी

मैंने बचपन में
एक कहानी सुना था –
जिसमें दो बिल्लियों को
तीन रोटी मिल जाती है.
रोटी के बँटवारे को लेकर
बिल्ली आपस में लड़ने लगती है
वही पेड़ पर बैठा
एक बंदर सब देख रहा था
बिल्लियों को समझ
में नही आ रहा था
कि रोटी का बँटवारा कैसे करें
इतने में बन्दर नीचे आया
और बोला रूको, लड़ो मत
मैं रोटी को बराबर-बराबर बाँट दूंगा
बिल्लियाँ तैयार हो गई
बंदर पास के बनिये की
तराजू को लेकर आ गया
शुरूआत में एक-एक रोटी
और बाद में एक रोटी को तोड़कर आधा-आधा
दोनों पलड़ो में रख दिया
जिस पलड़े में रोटी ज्यादा होता था
उसे बंदर यह कहकर खा लेता था
कि इसे खाने के बाद बराबर हो जाएगा
बिल्लियाँ भी मान जाती थी
धीरे-धीरे करके बदंर
सारा रोटी खा लिया
और बिल्लियाँ बदंर
का मुंह देखती रह गई.

इस कहानी से
हमें यही सीख मिलती है
कि हमें आपस में नहीं
लड़ना चाहिए अन्यथा
उस लड़ाई का फायदा
कोई तीसरा उठाएगा
राजनीति की बात करे
तो जाति-धर्म के नाम पर
हम बिल्लियों जैसे लड़ते रहते है
और बड़े-बड़े बन्दर जैसे नेता
हमारे हक़ की मलाई काटते रहते है
अपने आने वाली कई पुश्तों
के लिए भी मलाई छोड़ जाते है
हमे एक जुट रहना चाहिए
लड़ाई नही करनी चाहिए .


Cat Story in Hindi

यह उस समय की बात है
जब मैं बाहर रह कर पढ़ाई करता था
मैं अपने दोस्त के साथ एक
कमरे में रहता था
कॉलेज खत्म होने के बाद
हम दोनों अपने-अपने कॉलेज
से अपने कमरे पर वापस आते है
मेरा दोस्त कहता है कि
आज मेरी किसी से लड़ाई हो गई
वो लोग बहुत बुरे थे
मुझसे कह रहे थे कि
तुम्हारे रूम पर आ कर मारेंगे
यह सुनकर मैं भी डर गया
रात हुई खाना बनाया गया
और इन सारी बातों को
भूलकर खाना खाए और सो गये.

रात के ठीक 12:30 मिनट पर
दरवाजे के खटकने की आवाज सुनाई दी
नींद गहरी थी हम दोनों नजरअंदाज करके सो गये
थोड़ी देर बाद फिर आवाज आई
और आँख भी खुल गई
कमरे का लाईट बंद था
रूम में पूरी तरह से अँधेरा था
बाहर की लाईट जल रही थी
फिर मेरा दोस्त डरा हुआ उठा
और धीरे से बोला
लगता है जो कॉलेज में
झगड़ा हुआ है
वही लड़के कही से
मेरे रूम का एड्रेस लेकर
यहाँ आ गये है
अब लगता है वो मुझे जान से मार देंगे
वो खुद तो डर रहा था
मुझे भी डरा रहा था
लगातार दरवाजे को खटकाने
की आवाज सुनकर रोंगटे
खड़े हो गये और दिमाग में
यह चलने लगा कि आज मृत्यु निश्चित है
कल हम दोनों का नाम
न्यूज़ पेपर में आ जायेगा.

फिर हम दोनों ने सोचा
मरना ही है तो लड़कर मरेंगे
हमने पास रखे कलम और कैची
को अपने हाथो में ले लिए
और सोचे कि अगर चाकू से
वार करेंगे तो उनकी गर्दन
पर हम भी मार कर
उन्हें घायल कर सकते है
फिर ये हुआ कि हिम्मत
करके दरवाजा खोला जाए
लेकिन दरवाजे तक
जाने की हिम्मत नहीं होती थी
कमरे में पूरी तरह से अँधेरा था
दरवाजे के ही पास लाइट
जलाने का बटन भी था
डरते हुए और सोचते हुए
एक घंटा बीत चूका था
डर हम दोनों के मन और चेहरे
पर था पर अँधेरे की वजह से
दिखाई नही दे रहा था.

उस वक्त हमारे पास फ़ोन
भी नहीं था कि हम किसी से बात कर सके
बार-बार ईश्वर को याद कर रहे थे
सोच रहे थे ईश्वर जब इतनी जल्दी
मृत्यु देनी थी तो इस धरती पर क्यों भेजा
अभी तो हमने कोई पुन्य कार्य भी नहीं किया
दिमाग में यह भी आ रहा था
कि दरवाजा इतना कमजोर है
कि कोई जोर से धक्का मरेगा
तो टूट जायेगा फिर वो तोड़ क्यों नही रहे है
और न जाने क्या क्या दिमाग में चल रहा था
इतने में कमरे से बिल्ली की आवाज आई
म्याऊ म्याऊ म्याऊ म्याऊ…
फिर हमने हिम्मत करके लाइट जलाई
और देखा एक बिल्ली हमारे कमरे
में आ गई है जो बाहर निकलना चाहती है
दरवाजे के बीच में गैप था
जिसमें वो अपना पैर डालकर
जब खोलने का प्रयास करती
तब दरवाजा खटखटाने जैसी आवाज आती
हम दोनों एक दूसरे पर हंसने लगे
दरवाजा खोला बिल्ली बाहर गई
हमने भी बाहर आ कर हवा खाई
एक बिल्ली की वजह जितना डर गये
उतना जीवन में कभी नही डरे थे.
हमारा दिमाग डर को
बहुत बड़ा बना देता है
जबकि हकीकत में
वह एक भीगी बिल्ली निकलती है.


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