Suryaputra Karna Shayari Status Quotes Images in Hindi – इस आर्टिकल में सूर्यपुत्र कर्ण शायरी स्टेटस कोट्स इमेज आदि दिए हुए है. इन्हें जरूर पढ़े.
कर्ण का जन्म भी उच्च कुल में हुआ और कर्म भी उच्च कोटि के थे, लेकिन भाग्यवश सूर्यपुत्र कर्ण का पालन पोषण एक गरीब के घर में हुआ. Karna कई गुणों से युक्त था लेकिन उसकी दानवीरता और सच्ची मित्रता इतिहास के पन्नों पर सुनहरे अक्षरों से लिखा गया है. बुराई का साथ देते हुए भी उसने अपनी अच्छाई नही छोड़ी. मृत्यु सम्मुख देखकर भी उसने मित्र का साथ नही छोड़ा.
कुंती जब कुँवारी थी तब उनके पिता के महल में दुर्वासा ऋषि आये. तब कुंती ने एक वर्ष तक उनकी बड़ी सेवा की. जिससे प्रसन्न होकर ऋषि ने कुंती के भाग्य को देखा. उन्हें पता चला कि पांडु से कुंती को सन्तान नही होगा. इसलिए उन्होंने यह आशीर्वाद दिया कि वह किसी देवता का स्मरण करके उनसे सन्तान उत्पन्न कर सकती है.
दुर्वासा ऋषि की बातों पर कुंती को विश्वास नही हुआ और कुंती ने सूर्य देव को पुत्र प्राप्ति के लिए स्मरण किया. भगवान सूर्य स्वयं प्रकट हुए और कुंती को एक पुत्र दिया जिसका तेज सूर्य के समान था. वह कवच और कुंडल लेकर उत्पन्न हुआ था. इस चमत्कार को देखकर कुंती डर गई और उसने भगवान सूर्य से क्षमा याचना करने लगी लेकिन ऋषि का वचन व्यर्थ कैसे जाता है. अविवाहिता कुंती ने समाज और लोक-लाज के डर से पुत्र को एक बक्से में रख कर गांगजी में बहा दिया.
गंगाजी में बहता हुआ कर्ण अधिरथ और राधा को मिला. राधा ने बच्चे को बक्से से निकाला और अपने गले से लगा लिया. दोनों मिलकर कर्ण का लालन-पालन करने लगे. माता का नाम राधा होने के कारण कर्ण को “राधेय” नाम से भी जाना जाता है. जब कर्ण को दुर्योधन ने अंग देश का राजा बनाया तो उसे अंगराज के नाम से भी जाना जाने लगा.
Karna Shayari in Hindi
कवच-कुंडल जिसने इंद्र को दिया दान था,
मित्रता के खातिर सर्वस्व किया बलिदान था,
धर्म मार्ग पर चलना जिसका स्वाभिमान था,
हाँ, तुमने सही पहचाना वो सूर्यपुत्र कर्ण महान था.
माता की भूल को उम्र भर सहता रहा,
कर्ण दान और धर्म उम्र भर करता रहा.
धर्म की राह पर चलते हुए
कर्ण ने वचन को तोडा नही,
मृत्यु सम्मुख देखकर भी
मित्र का साथ छोड़ा नही,
हर नियम के विरूद्ध, परिवर्तन की लड़ाई लड़ता रहा,
सूत पुत्र होकर भी “कर्ण” किरदार अपना गढ़ता रहा.
कर्ण शायरी हिंदी
सूर्यपुत्र को मारे धरा पर ऐसा बाण कहाँ है,
विजय स्वयं पीछे आती है चलता कर्ण जहाँ है.
कुंती माँ को दिया वचन कभी ना तोडूंगा,
अर्जुन के सिवा सबको ही जिन्दा छोडूंगा.
सर्पों के बल पर यदि कर्ण आज यह युद्ध जीतेगा,
जितना समय बचा है जीवन में वो लानत में बीतेगा.
Karna Status in Hindi
धन्य है कर्ण दानवीरता तुम्हारी,
स्वर्ग से देवता आये बनकर भिखारी.
अधर्म में भी कही धर्म था,
जब कौरवों संग कर्ण था.
आसान नही है खुद को कर्ण बनाना,
दुश्मन बन जाता है सारा जमाना.
Karna Quotes in Hindi
समाज से तिरस्कृत होने के बावजूद भी
कर्ण ने धर्म और सत्य के मार्ग को नही छोड़ा,
सगे भाई और माता को जानने के बाद भी
उनसे युद्ध किया, मित्र का साथ नहीं छोड़ा.
प्रेमयज्ञ अति कठिन, कुण्ड में कौन वीर बलि देगा?
तन, मन, धन, सर्वस्व होम कर अतुलनीय यश लेगा?
हरि के सम्मुख भी न हार जिसकी निष्ठा ने मानी,
धन्य धन्य राधेय! बंधुता के अद्भुत अभिमानी.
कर्ण अच्छा था लेकिन अर्धम का साथ दिया,
इसलिए उसका प्रारब्ध उसके खिलाफ हो गया था,
सारी श्रृष्टि-प्रकृति उसके खिलाफ हो गई थी.
कर्ण शायरी
कर्ण को यह पता था कि अर्जन के साथ तीनों लोको के स्वामी भगवान विष्णु है. उसे हरा पाना अत्यंत कठिन एवं दुष्कर है. लेकिन कर्ण को अपनी वीरता पर इतना भरोसा था कि वह इन बातों को सोचकर तनिक भयभीत नही होता है. बल्कि उसे युद्ध करते देख दुश्मन के रूह काँप जाते थे.
अर्जुन को कौन हरा सकता है
जिसके संग स्वयं भगवान है,
यह सब जानकर भी जो युद्ध करे
वो सूर्यपुत्र कर्ण महान है.
कहो हे मात क्या अपराध हुआ
जीवनपर्यन्त ही मेरा अपमान हुआ
धर्म मित्रता का ये मैं निभा जाऊंगा
हां आज मैं रण में वीरगति पाऊंगा
Suryaputra Karna Quotes in Hindi
सूर्यपुत्र कर्ण का दान, धर्म, त्याग, प्रतिज्ञा,
बलिदान, साहस और वीरता ही उसे महान बनाते है.
कर्ण का कर्म सूर्य के समान था.
समाज को सुख-शांति देने वाला था.
दुर्योधन ने कर्ण को केवल सम्मान दिलाया था,
जिसके बदले में उसने अपना तन, मन, धन सब
उस पर न्यौछावर कर दिया.
काले और सफेद में,
मैं श्याम वर्ण चुनूँगा,
तुम कृष्ण को तलाश लो
मैं मित्र कर्ण चुनूँगा.
Karna Shayari in English
Kavach-Kundal Jisne Indra Ko Diya Daan Tha,
Mitrata Ke Khatir Sarvasv Kiya Balidaan Tha,
Dharm Marg par Chalna Jiska Swabhiman Tha,
Haan, Tumne Sahi Pahchana Wo Sooryaputra Karn Mahan Tha.
Mata Ki Bhool Ko Umar Bhar Sahta Raha,
Karna, Daan Aur Dharm Umar Bhar Karta Raha.
Dharm Ki Raah Par Chalte Huye,
Karna Ne Vachan Ko Toda Nahi,
Mrityu Sammukh Dekhkar Bhi
Mitr Ka Sath Chhoda Nahi.
Har Niyam Ke Virooddh,
Parivartan Ki Ladai Ladta Rha,
Soot Putr Hokar Bhi Karna
Kirdar Apna Gadhta Rha.
Karna Shayari
मृत्यु बन वो चट्टान के समान अड़ा था,
निहत्थे पर वार किया जो कायरता बड़ा था,
कटा शीश तब रश्मिरथी का भू पर पड़ा हुआ था,
लेकिन जय पाकर भी अर्जुन लज्जित खड़ा हुआ था.
कर्ण की वीरता को मेरा नमन,
कर्ण की दान वीरता को मेरा नमन,
कर्ण की धर्म वीरता को मेरा नमन,
कर्ण के हर कर्म को मेरा नमन.
कर्ण स्टेटस
तीनों लोको का धन वैभव एक तरफ,
केवल कर्ण जैसा एक मित्र एक तरफ.
धनुर्धर अर्जुन ने बेशक जीते है रण,
पर गर्व होता है जिस प्रकार लड़ा कर्ण.
Karna Duryodhana Friendship Quotes in Hindi
जिसका मित्र कर्ण जैसा वीर, दानी, त्यागी और बलिदानी हो. उसे अपनी मित्रता पर अभिमान तो होगा. दुर्योधन जब कोई गलत कार्य करता था तो उसे कर्ण जरूर समझाता था. परन्तु वह किसी की बात सुनता नही था. फिर भी उसे समझाने का प्रयास करना नही छोड़ता था. हर संकट और मुसीबत में कर्ण दुर्योधन की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहता था. मित्रता के लिए अपने प्राणों को वार दे. ऐसे वीर के बारें में मैं नही सुना है.
जिसका मित्र कर्ण जैसा वीर-बाज हो,
उसे क्यों ना अपनी मित्रता पर नाज हो.
दुनिया बहुत वीर है
जो देते है सच का साथ,
दोस्त कर्ण सा ढूँढिये
जो दे दोस्त का साथ.
अरि के लिए वो काल था,
वीरता उसका विकराल था,
सब उदाहरण देते कृष्ण-सुदामा की
पर उसकी मित्रता भी एक मिसाल था.
दुर्योधन और कर्ण की मित्रता कहती है,
धर्म और अधर्म भी साथ-साथ रहती है.
जब राज वंश का गुणगान गाया जाएगा,
जब कर्म इस जग में सम्मान नही पायेगा,
जब कुल गोत्र को उच्च बताया जाएगा,
तब परिवर्तन लाने को कोई कर्ण आयेगा.
Karna Quotes in English
Dhanurdhar Arjun Ne Beshak Jeete Hai Ran,
Par Garv Hota Hai Jis Prakar Lada Karn.
Jiska Mitra Karn Jaisa Veer-Baaz Ho,
Use Kyon Na Apni Mitrta Par Naaz Ho.
Karn Shayari
कर्ण ने सहा कष्ट हर प्रकार,
पर नियति के आगे न मानी हार,
अपने सामर्थ्य के बल पर
दे डाली सबको ललकार.
कुछ उसमें बात विशेष थी,
तभी जग में उसका बखान है,
रण तो जीता अर्जुन ने लेकिन
सब कहते है वीर कर्ण महान है.
Karn Status
यह पांडव ना कौरव की बात है,
कर्ण जैसा बनना गौरव की बात है.
कर्ण दे गया सब दुर्योधन को,
तृष्णा छू भी ना सकी उसके मन को.
भाग्य जिसे हराता है,
वही कर्ण कहलाता है.
कर्ण पर शायरी
कर्म को बड़ा मानता हूँ वर्ण को नही,
ज्ञान को बड़ा मानता हूँ स्वर्ण को नही,
दानवीरता का तेज इतना प्रबल था कि
बलशाली तृष्णा छू सकी कर्ण को नही.
दोस्ती को बड़ा सम्मान दिया,
जीवन में हर तरह का बलिदान दिया,
अपना वचन निभाने के लिए
इन्द्र को कवच-कुंडल दान किया.
ऐसी जीत बेकार है जिसे कोई नही जानता है,
कर्ण जैसी हार में भी छुपी उसकी महानता है.
दोस्ती हो तो कर्ण जैसा
माना इस दुनिया में सबसे बड़ा है पैसा,
मगर आज भी अगर दोस्ती हो तो कर्ण जैसा.
ऐसे जिओ कि जिन्दगी स्वर्ण हो जायें,
हर इंसान का किरदार कर्ण हो जायें.
कर्ण दुर्योधन की दोस्ती शायरी
कर्ण पर दुर्योधन का सिर्फ एक उपकार था,
जिसका ऋण चुकाने के लिए वह हरदम तैयार था.
सर्वस्व बलिदान कर मिसाल खड़ा कर दिया,
कर्ण के धर्म ने दोस्ती का नाम बड़ा कर दिया,
Shayari on Karna
कवच-कुंडल गया,
पर प्राण तो है,
भुजा में शक्ति
धनुष पर बाण तो है.
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