ट्रांस फैट क्या हैं? | What is Trans Fat in Hindi

What is Trans Fat in Hindi – ट्रांस फ़ूड स्वास्थ के लिए एक हानिकारक पदार्थ है. इसे ट्रांस फैटी एसिड ( Trans Fatty Acid ) के नाम से भी जाना जाता हैं. ट्रांस फैट हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक होता हैं और इसकी वजह से कई गंभीर बीमारियाँ भी होती हैं.

ट्रांस फैट को हम खराब फैट भी कह सकते हैं इसलिए खुद को स्वस्थ रखने के लिए इसकी जानकारी आवश्यक हैं. यदि आपके भोजन में ट्रांस फैट की मात्रा अधिक है तो यह शरीर में बुरे कैलेस्ट्रोल ( LDL – Low-density Lipoprotein ) की मात्रा को बढ़ाता हैं और अच्छे कैलेस्ट्रोल ( High-density Lipoprotein ) की मात्रा को कम करता हैं जिसके फलस्वरूप हृदय रोग का खतरा काफी बढ़ जाता हैं.

ट्रांस फैट के प्रकार | Types of Trans Fat

ट्रांस फैट दो प्रकार के होते हैं –

  1. नेचुरल ट्रांस फैट ( Natural Trans Fat ) – जानवरों से प्राप्त दूध, दही, घी, पनीर और दूध से बने अन्य खाद्य पदार्थ, मांस, अंडे आदि में नेचुरल ट्रांस फैट पाया जाता हैं. यदि इसे उचित मात्रा में लिया जाय तो यह स्वास्थ के लिए लाभदायक होता हैं. परन्तु इनकी ज्यादा मात्रा में सेवन हानिकारक होती हैं. इसे सैचुरेटेड फैट के नाम से भी जाना जाता हैं.
  2. आर्टिफिशियल ट्रांस फैट ( Artificial Trans Fat ) – आर्टिफिशियल ट्रांस फैट इंडस्ट्री में प्रोसेस करके तैयार किये गये खाने के तेल, फूड्स, पैकट बंद खाद्यय पदार्थ आदि में पाया जाता हैं. तेल को बार बार गर्म करने से भी उसमे आर्टिफिशियल ट्रांस फैट या नुकसानदायक ट्रांस फैट की मात्रा काफी बढ़ जाती हैं. जो स्वस्थ के लिए घातक होता हैं.

ट्रांस फैट फूड्स से होने वाली बीमारी | Disease Due to Trans Fat Foods

  • मोटापा
  • किडनी की बीमारी की सम्भावना
  • दिल की बीमारी की सम्भावना
  • शरीर का अंदर से कमजोर होना और थकान लगना

Trans Fat Foods | ट्रांस फैट किन-किन खाद्यय पदार्थों में हैं?

कई बार हम बंद पैकट की चीजों को खरीदतें समय उसपर 0% ट्रांस फैट देखकर खुश हो जाते हैं और मान लेते हैं कि इसमें ट्रांस फैट नहीं हैं परन्तु यह जानना जरूरी है कि अगर उस पदार्थ में 0.5% ग्राम से ट्रांस फैट या ट्रांस बसा कम है तो निर्माता इसे 0% ग्राम लिख सकता हैं.

  • पॉपकॉर्न – यह एक भारतीय पसंदीदा खाद्य पदार्थ हैं. यदि आपने कभी गाँव में पॉपकॉर्न खाया होगा तो देखा होगा वो साधारण और स्वादिष्ट होता हैं, पर शहरों में बिकने वाला पॉपकॉर्न बटर (मक्खन) कोटेड और खुशबूदार होता है यह खाने के स्वाद को तो बढ़ाता है पर हमारे स्वास्थ के लिए हानिकारक होता हैं. इन शहरों के खुशबूदार और बटर युक्त पॉपकॉर्न में हानिकारक ट्रांस फैट पाए जाते हैं.
  • चिप्स – पैकट में बिकने वाले चिप्स भारत में बड़ी मात्रा में बिकते हैं और इसे बच्चे, बड़े और बूढ़े सभी बड़े चाव से खाते हैं. इन पैकट के चिप्स को “डीप फ्राई” करके बनाया जाता हैं जिसके कारण यह ट्रांस फैट युक्त हो जाता हैं. इसमें पौष्टिकता की कमी होती हैं और इसका सेवन स्वास्थ के लिए हानिकार होता हैं.
  • कूकीज और बिस्कुट – कूकीज और बिस्कुट भारत में लगभग 70% लोग इस्तेमाल करते हैं. भारत में इनकी अनेक कम्पनियां हैं. कूकीज और बिस्कुट को लम्बे समय तक खाने योग्य रखने के लिए इसमें प्रयुक्त बटर और आयल “ट्रांस फैट ( Trans Fat )” से भरा होता हैं. खाने में इनका प्रयोग न करें या तो बहुत कम करें.
  • फ्रोजेन फ़ूड – फ्रोजेन खाद्य पदार्थ में भी ट्रांस फैट पाया जाता हैं. आइसक्रीम, पॉपकॉर्न और अन्य प्रकार के फ्रोजेन खाद्यय पदार्थों का सेवन करने से पहले उसमें ट्रांस फैट की मात्रा को जरूर देखे.

अन्य ट्रांस फैट युक्त खाद्यय पदार्थ | Other Trans Fat Foods

बाजार में मिलने वाली तली भुनी चीजें जैसे समोसा, पराठा, आलू टिक्की, फ्रेंच फ्राइज,आलू पूड़ी, छोले भटूरे, फ़ास्ट फूड्स (बर्गर, पिज्जा, डोंट्स, सैंडविच और अन्य ) आदि Trans Fat Foods की केटेगरी में ही आते हैं.

ट्रांस फैट फूड पर बेन लगेगा | Ban on trans fat food

WHO ( World Health Organization ) – डब्लूएचओ के रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में लगभग 5 लाख से अधिक लोगो की मौत हृदय रोग या दिल की बीमारी के कारण होता हैं यह बीमारी शरीर में ट्रांस फैट के मात्रा अधिक होने के कारण होता हैं.

ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले अगले कुछ वर्षों में ऐसे खाद्यय पदार्थ जिनमें ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होगी उन्हें बैन कर दिया जाएगा.

“घर का भोजन स्वास्थ के लिए सबसे उत्तम होता हैं. अगर आप स्वस्थ और सुखी जीवन जीना चाहते है तो घर का भोजन करें.”

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