वक्त पर बेहतरीन शायरी | Waqt Shayari or Time Shayari

तलाश है एक ऐसे शख्स की,
जो आँखों में उस वक़्त दर्द देख सके,
जब सब लोग मुझसे कहते हैं,
क्या बात है हमेशा हँसती रहती हो…


ना तूफ़ान ने दस्तक दी, और ना पत्थर ने चोट दी…
वक्त तकदीर से मिला और मुझे सजा-ए-मोहब्बत दी…


तुझे चाहने वाले कम ना होंगे,
वक़्त के साथ शायद हम ना होंगे,
चाहे किसी को कितना भी प्यार देना,
लेकिन तेरी यादों के हकदार सिर्फ हम ही होंगे.


वक्त का खास होना जरूरी नही…
खास लोगो के लिए वक्त होना जरूरी हैं…


वक्त बदला और बदली कहानी हैं,
संग मेरे हसीं पलों की यादें पुरानी हैं,
न लगाओ मेरे ज़ख्मो पे मरहम,
मेरे पास उनकी बस यही निशानी हैं…


उनका भरोसा मत करों,
जिनका ख्याल वक्त के साथ बदल जाएँ,
भरोसा उनका करो जिनका ख्याल वैसे ही रहे,
जब आपका वक्त बदल जाए.


कभी एक लम्हा ऐसा भी आता हैं,
जिसमे बीता हुआ कल नज़र आता हैं,
बस यादें रह जाती है याद करने के लिए,
और वक्त सब कुछ लेके गुज़र जाता हैं…


वक्त से लड़कर जो अपना नसीब बदल दे,
इंसान वही जो अपनी तक़दीर बदल दे,
कल क्या होगाकभी ना सोचो,
क्या पता कल वक़्त ख़ुद अपनी तस्वीर बदल दे…


वक्त की रफ़्तार रुक गयी होती,
शरम से आँखें झुक गयी होती,
अगर दर्द जानती शम्मा परवाने का,
तो जलने से पहले ही वो बुझ गयी होती.


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