वक्त पर बेहतरीन शायरी | Waqt Shayari or Time Shayari

एक तूफ़ान आया और सब कुछ उड़ा कर चला गया,
गुजरा हुआ वक्त बहुत कुछ सिखा कर चला गया,
कभी सोचा न था दुनिया में ऐसे लोग भी होते हैं,
जिन्हें चुप कराया वही हमे रुला कर चला गया…


वक्त से ज्यादा ज़िन्दगी में,
कोई भी अपना और पराया नही होता,
अगर वक्त अपना हैं तो सभी अपने होते हैं,
और अगर वक्त ही पराया हो तो
अपने भी पराये हो जाते हैं…


वक्त का पता नही चलता अपनों के साथ,
पर अपनों का पता चलता हैं वक्त के साथ…


वक्त से लड़कर अपना नसीब बदल दे,
इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दे,
कल क्या होगा उसकी कबी ना सोचो,
क्या पता कल वक्त खुद अपनी लकीर बदल दे…


चलकर देखा हैं अकसर, मैंने अपनी चाल से तेज…
पर वक्त और तकदीर से आगे कभी निकल न सका…


वक्त की एक आदत बहुत अच्छी हैं,
जैसा भी हो गुजर जाता हैं…


बुरा वक्त कभी भी बताकर नही आता,
पर सिखाकर और समझकर
बहुत कुछ जाता हैं…


किसी की मजबूरियों पर मत हँसिये,
कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नही लाता,
डरिए वक्त की मार से क्योकि
बुरा वक्त किसी को बताकर नही आता…


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