Maharishi Swami Dayanand Saraswati Jayanti 2020 Quotes Images in Hindi – इस आर्टिकल में स्वामी दयानन्द सरस्वती के जयंती पर अनमोल विचार चित्र के साथ दिए हुए हैं. इन्हें शेयर करेंऔर अपना WhatsApp Status और Facebook Status बनाएं.
“आर्य समाज” के संस्थापक महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती एक महान चिन्तक, समाज-सुधारक, देशभक्त और दार्शनिक थे. उनके बचपन का नाम ‘मूलशंकर’ था. समाज में व्याप्त कई कुरीतियों, रूढ़िवादी विचारों को खत्म करने के लिए लोगो को जागरूक किया. देश की आजादी में इनका उल्लेखनीय योगदान है.
संक्षिप्त परिचय
नाम – महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती
जन्म – 12 फरवरी 1824
जन्मस्थान – टंकारा, गुजरात
मृत्यु – 30 अक्टूबर 1883
मृत्युस्थान – अजमेर, राजस्थान
प्रसिद्ध पुस्तक – सत्यार्थ प्रकाश
उपलब्धि – आर्य समाज के संस्थापक
कार्यक्षेत्र – समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, दार्शनिक, धर्मगुरू
Swami Dayanand Saraswati Jayanti Quotes in Hindi
आत्मा अपने स्वरूप में एक है, लेकिन उसके अस्तित्व अनेक हैं. – दयानन्द सरस्वती
दुनिया को अपना सर्वश्रेष्ठ दीजिये और आपके पास सर्वश्रेष्ठ लौटकर आएगा. – स्वामी दयानन्द सरस्वती
ईश्वर का कोई रूप और रंग नही है. वह अविनाशी और अपार है. जो कुछ इस दुनिया में दिखता है वह उसकी महानता का वर्णन करता है. – Swami Dayanand Saraswati
उपकार बुराई का अंत करता है. सदाचार की प्रथा का आरम्भ करता है और लोक-कल्याण तथा सभ्यता में योगदान देता है. – स्वामी दयानन्द सरस्वती
जीह्वा को उसे व्यक्त करना चाहिए जो ह्रदय में है. – दयानन्द सरस्वती
Swami Dayanand Saraswati Jayanti Quotes in Hindi
अज्ञानी होना गलत नहीं है, अज्ञानी बने रहना गलत है. – स्वामी दयानन्द सरस्वती
जीवन में मृत्यु को टाला नहीं जा सकता. हर कोई ये जानता है, फिर भी अधिकतर लोग अन्दर से इसे नहीं मानते- ‘ये मेरे साथ नहीं होगा.’ इसी कारण से मृत्यु सबसे कठिन चुनौती है जिसका मनुष्य को सामना करना पड़ता है. – Swami Dayanand Saraswati
वह अच्छा और बुद्धिमान है जो हमेशा सच बोलता है, धर्म के अनुसार काम करता है और दूसरों को उत्तम और प्रसन्न बनाने का प्रयास करता है. – Swami Dayanand Saraswati
ईश्वर पूर्ण रूप से पवित्र और बुद्धिमान है. उसकी प्रकृति, गुण, और शक्तियां सभी पवित्र हैं. वह सर्वव्यापी, निराकार, अजन्मा, अपार, सर्वज्ञ, सर्वशक्तिशाली, दयालु और न्याययुक्त है. वह दुनिया का रचनाकार, रक्षक, और संघारक है. – दयानन्द सरस्वती
मानव जीवन में तृष्णा और लालसा है, और ये दुःख के मूल कारण है. – दयानन्द सरस्वती
Maharishi Dayanand Saraswati Jayanti Quotes in Hindi
किसी भी रूप में प्रार्थना प्रभावी है क्योंकि यह एक क्रिया है. इसलिए, इसका परिणाम होगा. यह इस ब्रह्मांड का नियम है जिसमें हम खुद को पाते हैं. – Maharishi Dayanand Saraswati
काम करने से पहले सोचना बुद्धिमानी, काम करते हुए सोचना सतर्कता और काम करने के बाद सोचना मूर्खता है. – महर्षि दयानंद सरस्वती
नुकसान से निपटने में सबसे जरूरी चीज है उससे मिलने वाले सबक को न भूलना. वो आपको सही मायने में विजेता बनाता है. – Maharishi Dayanand Saraswati
कोई मूल्य तब मूल्यवान है जब मूल्य का मूल्य स्वयं के लिए मूल्यवान है. – महर्षि दयानंद सरस्वती
मुझे सत्य का पालन करना पसंद है; बल्कि, मैंने औरों को उनके अपने भले के लिए सत्य से प्रेम करने और मिथ्या को त्यागने के लिए राजी करने को अपना कर्त्तव्य बना लिया है. अतः अधर्म का अंत मेरे जीवन का उदेश्य है. – महर्षि दयानंद सरस्वती
Dayanand Saraswati Quotes in Hindi
सबसे उच्च कोटि की सेवा ऐसे व्यक्ति की मदद करना है जो बदले में आपको धन्यवाद कहने में असमर्थ हो. – दयानंद सरस्वती
अगर आप पर हमेशा ऊँगली उठाई जाती रहे तो आप भावनात्मक रूप से अधिक समय तक खड़े नहीं हो सकते. – दयानंद सरस्वती
जो व्यक्ति सबसे कम ग्रहण करता है और सबसे अधिक योगदान देता है वह परिपक्कव है, क्योंकि जीने मेंही आत्म-विकास निहित है. – Dayanand Saraswati
इंसान को दिया गया सबसे बड़ा संगीत यंत्र आवाज है. – Dayanand Saraswati
नुकसान से निपटने में सबसे ज़रूरी चीज है उससे मिलने वाले सबक को ना भूलना. वो आपको सही मायने में विजेता बनाता है. – दयानंद सरस्वती
स्वामी दयानन्द के योगदान के बारे में महापुरुषों के विचार
स्वामी दयानन्द हिन्दू पुनर्जागरण के मुख्य निर्माता थे. – डॉ. भगवान दास
स्वामी दयानन्द ने हमे स्वतंत्र विचारना, बोलना और कर्त्तव्यपालन करना सिखाया. – लाला लाजपत राय
स्वामी जी ऐसे विद्वान और श्रेष्ठ व्यक्ति थे, जिनका अन्य मतावलम्बी भी सम्मान करते थे. – सैयद अहमद खां
स्वामी दयानन्द राष्ट्रीय भावना और जन-जागृति को क्रियात्मक रूप देने में प्रयत्नशील थे. – फ्रेंच लेखक रोमां रोलां
भारत की स्वतन्त्रता की नींव वास्तव में स्वामी दयानन्द ने डाली थी. – सरदार पटेल
स्वामी दयानन्द पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने ‘आर्यावर्त (भारत) आर्यावर्तियों (भारतीयों) के लिए’ की घोषणा की. – श्रीमती एनी बेसेन्ट
इसे भी पढ़े –