सकारात्मक सोच पर शायरी | Positive Shayari

दर्द की भी अपनी इक अदा हैं,
वो भी सहने वालों पर ही फ़िदा हैं…


ना छेड़ किस्सा ऐ उल्फत की बड़ी लम्बी कहानी हैं,
मैं गैरों से नही हारा किसी अपने की मेहरबानी हैं…


तजुर्बे ने एक ही बात सिखाई हैं,
नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई हैं…


सबको गिला हैं,
बहुत कम मिला हैं…
जरा सोचिये…
आप जितना कितनो को मिला हैं?


कभी चाल, कभी मकसद,
कभी मंसूबे यार होते हैं,
इस दौर में नमस्कार के
मतलब भी हजार होते हैं…


थोड़ी थोड़ी “गुफ्तगू” करते रहिये
सभी दोस्तों से…
“जाले” लग जाते हैं
अक्सर बंद मकानों में…


जिन्दगी बदलने के लिए लड़ना पड़ता हैं,
आसान करने के लिए समझना पड़ता हैं…


हुकूमत वहीं करता हैं
जिसका दिलों पर राज होता हैं,
वरना यूँ तो गली के मुर्गे के
सर पर भी ताज होता हैं…


Latest Articles