Nobel Prize in Hindi – नोबेल पुरस्कार की स्थापना स्वीडेन के वैज्ञानिक “अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल” ने 1901 ई. में की थी. अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल का जन्म 1833 ई. में स्वीडन के शहर स्टॉकहोम में हुआ था. नौ वर्ष की उम्र में वे अपने परिवार के साथ रूस चले गयें. अल्फ्रेड नोबेल एक अविवाहित स्वीडिश वैज्ञानिक और केमिकल इंजिनियर थे जिसने 1867 ई. में डायनामाईट की खोज की. स्वीडिश लोगों को 1896 में उनकी मृत्यु के बाद ही पुरस्कारों के बारे में पता चला जब उन्होंने उनकी वसीयत पढ़ी जिसमें उन्होंने अपने धन से मिलने वाली सारी वार्षिक आय पुरस्कारों की मदद करने में दान कर दी थी. अपने वसीयत में उन्होंने आदेश दिया था कि – “सबसे योग्य व्यक्ति चाहे वह स्केडीनेवियन हो या न हो पुरस्कार प्राप्त करेगा.
उनके द्वारा छोड़े गये धन पर मिलने वाला ब्याज नोबेल पुरस्कार जीतने वाले व्यक्तियों के बीच में समान रूप से बाटा जाता हैं जिन्होंने विज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया हैं. विश्व के 58,960,000 अमेरिकी डॉलर के सबसे अधिक गौरवशाली पुरस्कार को नोबेल फाउंडेशन द्वारा मदद प्रदान की जाती हैं.
Interesting Facts about Nobel Prize | नोबेल पुरस्कार के बारे में रोचक तथ्य
- पुरस्कार के लिए बनी समिति और चयनकर्ता प्रत्येक वर्ष अक्टूबर में नोबेल पुरस्कार विजेताओ की घोषणा करते हैं लेकिन पुरस्कारों का वितरण अल्फ्रेड नोबेल की पूण्यतिथि 10 दिसम्बर को किया जाता हैं.
- प्रत्येक पुरस्कार में एक वर्ष में अधिकतम तीन लोगों को पुरस्कार दिया जा सकता हैं. इनमें से प्रत्येक विजेता को एक स्वर्ण पदक, डिप्लोमा, स्वीडिश नागरिकता में एक्सटेंशन और धन दिया जाता हैं.
- अगर एक पुरस्कार में दो विजेता हैं, तो धन राशि दोनों में समान रूप से बाँट दी जाती है. पुरस्कार प्राप्तकर्ताओ की संख्या अगर तीन है तो चयन समिति के पास यह अधिकार होता हैं कि वह धनराशि को तीनों में बराबर बाँट दे या एक को आधा दे दे और बाकी दो को बचा धन बराबर बाँट दे.
- अब तक केवल दो बार मृत व्यक्तियों को या पुरस्कार दिया गया है पहली बार एरि एक्सेल कार्लफल्डट को 1931 ई. में और दूसरी बार संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव डैग हैमरसोल्ड को 1961 ई. में.
- 1974 में नियम बना दिया गया कि मरणोपरांत किसी को नोबेल पुरस्कार नही दिया जायेगा.
- इंटरनेशनल कमेटी ऑफ़ रेड क्रॉस को शांति का नोबेल पुरस्कार तीन बार ( 1917, 1944 एवं 1963 में ) दिया गया हैं.
- सबसे कम उम्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले व्यक्ति लारिंस ब्रैग (25 वर्ष) के थे.
- सबसे अधिक उम्र में लियोनिद हरक्विज ने नोबेल पुरस्कार जीता हैं. उन्हें वर्ष 2007 में अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया हैं. उनकी उम्र उस समय 90 वर्ष थी.
- दुसरे विश्व युद्ध के समय 1940 से 1942 तक नोबेल पुरस्कार नही दिया गया.
Nobel Prize Winner Indian / Indian Origin | नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय / भारतीय मूल के व्यक्ति
रवीन्द्र नाथ टैगौर – इनकी पुस्तक गीतांजलि के लिए 1913 में इन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया.
सी.वी. रमन – इनकी खोज ‘रमन प्रभाव’ के लिए इन्हें 1930 में भौतिक का नोबेल पुरस्कार दिया गया.
हरगोविन्द खुराना – इन्हें 1968 में ‘कृतिम जीन के संश्लेषण’ के लिए चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार दिया गया.
मदर टरेसा – इनको 1979 में इनके ‘समाज सेवा सम्बन्धी कार्यो’ के लिए शांति का नोबेल पुरस्कार मिला.
सुब्रमण्यम चंद्रशेखर – इन्हें 1983 में इनकी खोज ‘चंद्रशेखर सीमा’ के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला.
अमर्त्य सेन – इन्हें 1998 में ‘कल्याणकारी अर्थशास्त्र’ के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला.
वी. एस नायपाल – इन्हें 2011 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया.
वेंकटरमन रामकृष्ण – भारतीय अमेरिकी रामकृष्ण को अमेरिका के थॉमस ई. स्टेत्ज और इस्राएल की अदा ई. योनथ के साथ प्रोटीन का निर्माण करने वाले राइबोसोम की संरचना और कार्यप्रणाली की खोज के लिए संयुक्त रूप से 2009 में रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार मिला.
नोट – महात्मा गांधी नोबेल पुरस्कार के लिए पांच बार (1937, 1938, 1939, 1947 और 1948) शांति पुरस्कारों के लिए नामित किया गया था लेकिन एक बार भी नही चुना गया.
Four People Have Won the Nobel Prize Twice | दो बार नोबेल पुरस्कार जीतने वाले 4 व्यक्ति
Marie Curie | मैडम क्यूरी – 1903 में रेडियो सक्रियता (भौतिकी) की खोज के लिए और 1911 में शुद्ध रेडियम रसायन के निष्कर्षण के लिए.
Linus Pauling | लीनस पॉलिंग – 1954 में हाईब्रिडाइज्ड कक्षीय सिद्धांत रसायन के लिए और 1962 में नाभिकीय परीक्षण निषेध संधि एक्टिविज्म (शांति) के लिए.
John Bardeen | जॉन बारडीन – 1956 में ट्रांजिस्टर (भौतिकी) के अविष्कार के लिए और 1972 में अतिचालकता के सिद्धांत (भौतिकी) के लिए.
Frederick Sanger | फ्रेडरिक संगेर – 1958 में इन्सुलिन मोलिक्यूल की संरचना (रसायन) के लिए और 1980 में वायरस न्यूकिल्योटाइड के सिक्वेंसिंग (रसायन) के लिए.