नरेंद्र मोदी पर कविता | Narendra Modi Poem in Hindi

Narendra Modi Poems in Hindi ( Narendra Modi Kavita in Hindi ) – नरेंद्र मोदी उम्मीद का एक ऐसा नाम है जिसके पांच वर्ष के विकास कार्यों को देखकर उन्हें फिर जनता का पूर्ण विश्वास प्राप्त हुआ है. नरेंद्र मोदी केवल एक नाम नहीं एक ब्रांड बन चुका है. भारत के जनता की बहुत सारी अपेक्षाएं मोदी जी से है. मोदी जी ने जिस प्रकार राजनीति का मूल केंद्र विकास बना दिया है और राजनीति की एक नई परिभाषा लिख रहे है आने वाले समय में बेईमान राजनीतिक दल और राजनेता समाप्त हो जायेंगे.

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नरेंद्र मोदी पर कविता | Narendra Modi Poem in Hindi

पांच बरस के शासन में
लिख दिया नया इतिहास,
जन गणतीय आशाओं में
फिर जगा नया विश्वास.

सबका विकास मन्त्र है जिसके संदेश में,
आया वो मसीहा मेरे गांधी के देश में.


निर्बल का हक़ जो लूटते थे पस्त हो गये
जो थे प्रभाव हीन नियम ध्वस्त हो गये
जितने अनाम थे वो सभ नामवर हुए
जो बैंक नहीं जानते थे वो कस्टमर हुए

पढ़ने लगे है हाथ देश और विदेश में,
आया वो मसीहा मेरे गांधी के देश में.

थे शत्रु जितने वो असत्य हो गये
जो देश विरोधी थे सभी धत्त हो गये
छोटे उद्योग वाला मुद्रा युक्त हो गया
निर्धन की रसोई से धुआं लुप्त हो गया

गावों से अँधेरें हटे विद्युत प्रवेश में
आया वो मसीहा मेरे गांधी के देश में.

गावों में और नगर में स्वच्छता की लहर है
अब विश्वव्यापी योग हुआ सबको खबर है
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का जोर है
ऊँचा है नारा चारों ओर इसका शोर है

क्या जागरण की ज्योति जगी है संदेश में
आया वो मसीहा मेरे गांधी के देश में.

वो लाया है मझधार से नैया निकालके,
रोली समान दमका है भारत के भाल पे,
आने न देगा वक्त कभी इम्तिहान का
रक्षक बनेगा ये बीमा किसान का

अब बंद मार्ग खुल रहा है नये प्रदेश में,
आया वो मसीहा मेरे गांधी के देश में.

छोटा बड़ा समान हो मकसद विशाल है,
कोई जात हो कोई धर्म हो भारत का लाल है,
सिर तान के चलता है वो संकट में क्लेश में
वो प्रेम ढूढ़ लेता है ईर्ष्या में द्वेष में

शिव बनने की क्षमता है इस व्यक्ति विशेष में,
आया वो मसीहा मेरे गांधी के देश में.

भारत के हौसले भी क्या बुलंद हो गये,
बम से डराने वाले बोलबंद हो गये,
सेना पर जो लगा रहे है व्यर्थ के इल्जाम
कुछ अपने देशवासी भी जयचंद हो गये

जनता को छलने आये है छलियों के वेश में,
आया वो मसीहा मेरे गांधी के देश में.

कुछ लोग फ़िजाओं में जहर घोल रहे है
परवाज का पता नहीं पर तोल रहे है
कथनी में ये कुछ और करनी में ये कुछ और
कुछ बोलना है इसलिए कुछ बोल रहे है

भारत के नौजवाँ उठों नव क्रान्ति देश में,
आया वो मसीहा मेरे गांधी के देश में
सबका विकास मन्त्र है जिसके संदेश में
आया वो मसीहा मेरे गांधी के देश में.

Song written by Smt. Maya Govind

Narendra Modi Poem Video | नरेंद्र मोदी कविता विडियो

नरेंद्र मोदी कविता | Narendra Modi Ki Kavita

इस कविता को माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने राजस्थान के एक चुनावी रैली में पढ़ा था. यह उनकी बेहतरीन कविताओं में से एक है. इसे पूरा जरूर पढ़े. मोदी की कविता, Modi Ki Kavita, Narendra Modi Hindi Poem, Narendra Modi Ki Kavita, नरेंद्र मोदी कविता, नरेंद्र मोदी पोएम इन हिंदी, मोदी कविता, Modi Kavita आदि जरूर पढ़े.

सौगन्ध मुझे इस मिट्टी की,
मैं देश नही मिटने दूँगा
मैं देश नही मिटने दूँगा,
मैं देश नहीं झुकने दूँगा.

मेरी धरती मुझसे पूछ रही,
कब मेरा कर्ज़ चुकाओगे,
मेरा अम्बर मुझसे पूछ रहा,
कब अपना फर्ज़ निभाओगे,
मेरा वचन है भारत माँ को,
तेरा शीश नहीं झुकने दूँगा,
सौगंध मुझे इस मिट्टी की,
मैं देश नही मिटने दूँगा,
मैं देश नही मिटने दूँगा
मैं देश नहीं झुकने दूँगा.

वो लूट रहे हैं सपनों को,
मैं चैन से कैसे सो जाऊँ,
वो बेच रहे अरमानों को,
खामोश मैं कैसे हो जाऊँ,
हाँ मैंने कसम उठाई है,
मैं देश नही बिकने दूँगा
मैं देश नही मिटने दूँगा,
सौगंध मुझे इस मिट्टी की,
मैं देश नही मिटने दूँगा,
मैं देश नही मिटने दूँगा,
मैं देश नहीं झुकने दूँगा.

वो जितने अंधेरे लाएंगे,
मैं उतने सूर्य उगाऊँगा,
वो जितनी रात बढ़ाएंगे,
मैं उतने उजाले लाउँगा,
इस छल फरेब की आँधी में,
मैं दीप नहीं बुझने दूँगा,
मैं देश नही मिटने दूँगा,
सौगन्ध मुझे इस मिट्टी की,
मैं देश नहीं मिटने दूंगा,
मैं देश नहीं मिटने दूंगा,
मैं देश नहीं झुकने दूंगा.

वो चाहते हैं जागे न कोई,
ये रात ये अंधकार चले,
हर कोई भटकता रहे यूंही,
और देश यूंही लाचार चले,
पर जाग रहा है देश मेरा,
पर जाग रहा है देश मेरा,
हर भारतवासी जीतेगा,
हर भारतवासी जीतेगा,
सौगंध मुझे इस मिट्टी की,
मैं देश नही मिटने दूँगा
मैं देश नही मिटने दूँगा
मैं देश नहीं झुकने दूँगा.
वन्दे मातरम, वन्दे मातरम,
वन्दे मातरम, वन्दे मातरम,
वन्दे मातरम, वन्दे मातरम,
वन्दे मातरम, वन्दे मातरम.

मोदी की कविता विडियो | Modi Poem Video

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