गीता के 10 अनमोल वचन स्टूडेंट के लिए

Geeta Ke Anmol Vachan (गीता के अनमोल वचन) – भगवान् श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को कुछ उपदेश दिए थे, जिससे युद्ध जीतना अर्जुन के लिए आसन हो गया. बड़े-बड़े ज्ञानी और महात्मा यही कहते हैं कि गीता में जीवन का सार हैं . इस पोस्ट में दिए गये गीता के उपदेश को अपने जीवन में शामिल करते हैं तो आप भी अपने लक्ष्य को पाने में सक्षम होंगे. गीता के ये उपदेश हमें सही जीवन जीने की दिशा को बतलाते हैं.

गीता के अनमोल वचन 1 (Geeta Ke Anmol Vachan 1)

Anger

क्रोध को काबू में रखे – क्रोध से बुद्धि का नाश होता हैं. जब बुद्धि का नाश होता हैं तब निर्णय गलत होता हैं. जब निर्णय गलत होता है तब मनुष्य का पतन हो जाता है.

गीता के अनमोल वचन 2 (Geeta Ke Anmol Vachan 2)

Control Geeta Ke Anmol Vachan

मन को नियंत्रित रखना – जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है और जो अपने मन को नियंत्रित कर ले उसके लिए इस संसार में कुछ भी पाना असम्भव नही होता .

गीता के अनमोल वचन 3 (Geeta Ke Anmol Vachan 3)

Geeta Ke Anmol Vachan Self Confidence

विश्वास का निर्माण – मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है. जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है. विश्वास ही मनुष्य के आत्मा को शक्ति प्रदान करता हैं.

गीता के अनमोल वचन 4 (Geeta Ke Anmol Vachan 4)

Geeta Ke Anmol Vachan 4

खुद का आकलन – आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को अलग कर दो. अनुशासित रहो, लक्ष्य के प्रति सज्ज रहो, और निरंतर ज्ञानार्जन करते रहो.

गीता के अनमोल वचन 5 (Geeta Ke Anmol Vachan 5)

Geeta Ke Anmol Vachan 5

कर्म और फल -मनुष्य इस जीवन में ना कुछ खोता है ना व्यर्थ होता है. फल ईश्वर के हाथ में होता हैं इसलिए फल के बारे में बिना सोचे मनुष्य को कर्म करना चाहिए.

गीता के अनमोल वचन 6 (Geeta Ke Anmol Vachan 6)

Geeta Ke Anmol Vachan 6

अभ्यास जरूरी – मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है.

गीता के अनमोल वचन 7 (Geeta Ke Anmol Vachan 7)

Geeta Ke Anmol Vachan 7

विश्वास के साथ विचार
व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे.

गीता के अनमोल वचन 8 (Geeta Ke Anmol Vachan 8)

Geeta Ke Anmol Vachan 8

दूर करें तनाव – अकर्म (बुरे कर्म) बहुत तनाव पैदा करता है इसलिए हमेशा अच्छा सोचे और अच्छा करे.

गीता के अनमोल वचन 9 (Geeta Ke Anmol Vachan 9)

Geeta Ke Anmol Vachan 9

कार्य को आनंद पूर्वक करे -मनुष्य का मुख्य उद्देश्य आनन्द को प्राप्त करना होता हैं और जो मनुष्य अपने कार्य में आनंद खोज लेते हैं तब वह उसे पूर्णता प्राप्त करते हैं.

गीता के अनमोल वचन 10 (Geeta Ke Anmol Vachan 10)

Geeta Ke Anmol Vachan 10

धैर्य रखना – मनुष्य को एक निश्चित कर्म और समय के पश्चात ही फल मिलता हैं इसलिए मनुष्य में धैर्य का होना अति आवश्यक हैं.

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