लौट आती है हर बार दुआ मेरी ख़ाली,
जाने कितनी ऊँचाई पर ख़ुदा रहता हैं…
मोहब्बत हाथ की चूड़ियों के जैसी होती हैं,
संवरती हैं… खनकती हैं… टूट जाती हैं…
टूट कर चाहना और फिर टूट जाना,
बात छोटी है मगर जान निकल जाती हैं…
बात-बात पर मुस्कुराती हो बार-बार,
जान लेने के और भी तरीके हैं हजार…
दिल में आने का रास्ता होता हैं
पर जाने का नही,
इसलिए लोग दिल से जाते हैं तो
दिल तोड़ के जाते हैं…
कुछ राज तो कैद रहने दो मेरी आँखों में,
हर किस्से तो शायर भी नही बताता…!!!
अगर नींद आ जाए तो सो लिया कीजिये…
यूँ रातों को जागने से… मोहब्बत लौटा नही करती…
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