Differences in Society, Trust and Company – जब हम कोई एनजीओ (NGO) रजिस्टर करवाना चाहते हैं या करवाते हैं तो हमारे सामने तीन विकल्प होते हैं कि NGO को Society के रूप में रजिस्टर करवाएं या NGO को Trust के रूप में रजिस्टर करवाएं या NGO को Company के रूप में रजिस्टर करवाएं. हमारे दिमाग में एक प्रश्न चिन्ह खड़ा हो जाता हैं इसलिए जरूरी हैं कि सोसाइटी, ट्रस्ट व कंपनी के अंतर (Differences in Society, Trust and Company) को समझे.
सोसाइटी, ट्रस्ट व कंपनी में अंतर हिंदी में | Differences in Society, Trust and Company in Hindi
नियम, प्रक्रिया और आवश्यकता | कंपनी (Company) | सोसाइटी (Society) | ट्रस्ट (Trust) |
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NGO विशेष टिप्पणी | अलाभकारी कंपनी एक एनजीओ (NGO) होता हैं. | सोसाइटी भी एक एनजीओ (NGO) होता हैं. | ट्रस्ट भी एक एनजीओ (NGO) होता हैं. |
एक्ट/ क़ानून जिसके तहत NGO रजिस्टर होता हैं. | कंपनी एक्ट (Company Act) | सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 (Society Registration Act 1860) | इंडियन ट्रस्टस एक्ट / बॉम्बे ट्रस्ट एक्ट/ देवस्थान ट्रस्ट एक्ट (Indian Trusts Act / Bombay Trust Act / Devasthan Trust Act) |
NGO रजिस्ट्रेशन में कितना समय लगता है? | अधिकत्तम 6 महीने | अधिकत्तम 2 महीने | अधिकत्तम 2 सप्ताह |
क्या परिवार के लोग संस्था के सदस्य बन सकते हैं? | कम्पनी का डायरेक्टर / निदेशक कोई भी हो सकता है पर वित्तीय अनुदान लेने में कठिनाई होगी. | सोसाइटी में एक ही परिवार के सदस्य नही हो सकते हैं. | ट्रस्ट में आप परिवार के सदस्यों को रख सकते हैं लेकिन वित्तीय अनुदान लेने के लिए किसी अन्य सदस्य को आवश्यकता होगी. |
राज्य स्तर NGO के लिए सदस्य की अनिवार्यता | 2 सदस्य | 7 सदस्य | 2 सदस्य |
राष्ट्रीय स्तर NGO के लिए सदस्य की अनिवार्यता | 2 सदस्य | 8 सदस्य अलग-अलग राज्यों से | 2 सदस्य |
सोसाइटी, ट्रस्ट और कंपनी में अधिकत्तम सदस्यों की संख्या का कोई दायरा नही हैं, आप अपनी मर्जी से जितना चाहे उतने अधिकत्तम सदस्य बना सकते हैं. NGO के संचालन के लिए. | |||
अधिकृत संस्थान Registration के लिए | रजिस्ट्रार ऑफ़ कंपनी | डीप्टी रजिस्ट्रार ऑफ़ सोसायटीज | सब रजिस्ट्रार ऑफ़ रजिस्ट्रेशन / चैरिटी कमिश्नर |
संस्था का कार्यक्षेत्र | सम्पूर्ण भारत | राष्ट्रीय स्तर पर रजिस्टर संस्था सम्पूर्ण भारत में और राज्य स्तर पर रजिस्टर संस्था केवल राज्य में कार्य करसकती हैं | सम्पूर्ण भारत |
वित्तीय अनुदान प्राप्त करने की शर्ते, नियम व प्रक्रिया कंपनी, सोसाइटी और ट्रस्ट में एक ही जैसी होती हैं. | कम्पनी को वित्तीय अनुदान मिलने की सम्भावना हमेशा रहती हैं. | सोसाइटी को राज्य व केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के नियम व शर्त के अनुसार ही वितीय अनुदान मिलता हैं. | ट्रस्ट को राज्य व केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के नियम व शर्त के अनुसार ही वितीय अनुदान मिलता हैं. |
क्या डायरेक्टरशिप / मेम्बरशिप / ट्रस्टीशिप का ट्रांसफर मुमकिन हैं? | डायरेक्टरशिप का ट्रांसफर हो सकता है. | क़ानून के अनुसार सदस्यता का ट्रान्सफर नही हो सकता. | इंडियन ट्रस्ट एक्ट के अनुसार ट्रस्टीशिप के ट्रान्सफर का कोई विकल्प नही होता हैं. |
क्या कोई विदेशी संस्था का डायरेक्टर / सदस्य / ट्रस्टी बन सकता हैं? | डायरेक्टर बन सकता हैं | सदस्य बन सकता हैं. | ट्रस्टी बन सकता हैं. |
क्या किसी विदेशी के एनजीओ में रहने पर FCRA मिल जाएगा? | कंपनी में विदेशी के होने पर FCRA लेने में दिक्कत होगी. | सोसाइटी में विदेशी सदस्य के होने पर FCRA लेने में मुश्किल होगी. | ट्रस्ट में किसी विदेशी सदस्य होने पर FCRA लेने में मुश्किल होगी. |
क्या संस्था के सदस्य वेतन ले सकते हैं? | हाँ, ले सकते हैं. | हाँ, ले सकते हैं. | नही ले सकते हैं. किसी प्रोजेक्ट में कंसल्टेंसी फीस या निर्धारित शुल्क लेने का प्रावधान हैं. |