मेरी चिड़ियाँ मुझको ला दो

यह एक बहुत ही बेहतरीन कविता हैं जिसमें मनुष्य और प्रकृति के सम्बन्ध को बड़े ही प्यारे ढंग से दर्शाया गया हैं. इसमें प्रत्येक व्यक्ति को यह सन्देश दिया गया हैं कि यदि मनुष्य प्रकृति (वन, हवा, जल, पशु, पक्षी, पहाड़ आदि) की रक्षा करेगा तो प्रकृति स्वयं मनुष्य की रक्षा करेगी.

Best Hindi Poem – मेरी चिड़िया मुझको ला दो…

मैं जब छोटी गुड़िया थी,
अंगना में आती चिड़िया थी.

चुग्गा चुगने जब वो आती,
उसे देखकर मैं मुस्काती.

फुदक-फुदक वह गाना गाती,
मैं उसको वह मुझे नचाती.

अब जब मैं हो गई सयानी,
क्यों नही आती चिड़िया रानी.

सूना हो गया अंगना आज,
ना देती चिड़िया आवाज.

कहाँ गई हो चिड़िया रानी,
चुग लो दाना, पी लो पानी.

चिड़िया के रैन बसेरों को,
मानव ने काटा पेड़ों को.

घर ना छीनो चिड़िया का,
बचपन ना छीनो गुड़िया का.

फिर से तुम कुछ पेड़ लगा दो,
मेरी चिड़िया मुझको ला दो.

मोनिका जैन – ‘पंछी’

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