परमाणु परीक्षण विरोधी अन्तराष्ट्रीय दिवस | Anti Nuclear Day in Hindi

International Day Against Nuclear Tests in Hindi ( Anti Nuclear Day in Hindi ) – परमाणु परीक्षण विरोधी अन्तराष्ट्रीय दिवस हर वर्ष 29 अगस्त को मनाया जाता हैं. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि लोगों में परमाणु हथियारों से होने वाले नुकसान एवं उनके दुष्प्रभावों के बारें में उन्हें जागरूक करना है. 2 दिसम्बर, 2009 ई. को संयुक्त राष्ट्र महासभा ( United Nations General Assembly ) के द्वारा 29 अगस्त को परमाणु परीक्षण विरोधी अन्तराष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया. इसको सर्वप्रथम सन् 2010 में मनाया गया.

विश्व भर में परमाणु परीक्षण | Worldwide Nuclear Tests

अपने देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, 20वीं सदी में कई देशों ने परमाणु परीक्षण किये. सर्वप्रथम परमाणु परीक्षण अमेरिका ने 16 जुलाई, 1945 में किया, जिसमें 20 किलोटन का परीक्षण किया. सन् 2009 में उत्तरी कोरिया ( North Korea ) ने परमाणु परीक्षण ( Nuclear Test ) किया था, जिसे विश्व के अधिकाँश देशों ने निंदनीय बताया. अब तक का सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण सोवियत रूस में अक्टूबर, 1961 को किया गया था, जिसमें 50 मेगाटन का परीक्षण किया गया था. पूरी दुनिया में परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों ने अब तक कम से कम दो हजार परमाणु परीक्षण किये हैं.

परमाणु अप्रसार संधि | Nuclear Non-Proliferation Treaty

परमाणु अप्रसार संधि ( नुक्लेअर नॉन प्रॉलिफरेशन ट्रीटी ) को एनपीटी के नाम से भी जाना जाता हैं. इसका उद्देश्य विश्व भर में परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के साथ-साथ परमाणु परीक्षण पर अंकुश लगाना हैं. 1 जुलाई, 1968 से इस समझौते पर हस्ताक्षर होना शुरू हुआ. अभी तक इस संधि पर 190 देशों ने हस्ताक्षर किया है, जिसमे पांच देशों के पास परमाणु हथियार हैं. ये देश है – अमेरिका ( America ), ब्रिटेन ( Britain ), फ़्रांस ( France ), रूस ( Russia ) और चीन ( China ) हैं. सिर्फ़ 4 सम्प्रभुता सम्पन्न राष्ट्र इसके सदस्य नहीं है. ये है – भारत ( India ), इजरायल ( Israel ), पाकिस्तान ( Pakistan ) और उत्तरी कोरिया ( North Korea ) हैं. NTP के तहत भारत को परमाणु सम्पन्न देश की मान्यता नहीं दी गयी हैं, जो इसके दोहरे मापदंड को प्रदर्शित करती है. इस संधि का प्रस्ताव आयरलैंड ने रखा था और सबसे पहले हस्ताक्षर करने वाला राष्ट्र फिनलैंड हैं.

इस संधि के तहत परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र ( Nuclear Power-rich Country ) उसे ही माना गया है जिसने 1 जनवरी 1967 से पहले परमाणु हथियारों का निर्माण और परीक्षण कर लिया हो. इस आधार पर ही भारत को यह दर्जा अन्तराष्ट्रीय स्तर पर नहीं प्राप्त है, क्योंकि भारत ने पहला परमाणु परीक्षण 1974 में किया था. उत्तरी कोरिया ने इस सन्धि पर हस्ताक्षर किये, इसका उलंघन किया और फिर इससे बाहर आ गया.

123 समझौता | 123 Agreement

123 समझौता नाम से प्रसिद्द यह समझौता अमेरिका के परमाणु ऊर्जा अधिनियम 1954 के धारा 123 के तहत किया गया है, इसलिए इसे 123 समझौता ( 123 Agreement ) कहते हैं. 17 अनुच्छेदों के इस समझौते का मतलब यह है कि – भारत सरकार और संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार के बीच नाभिकीय ऊर्जा के शांतिपूर्ण प्रयोग के लिए सहयोग का समझौता है. अमेरिका अब 25 देशों के साथ यह समझौता कर चुका है. यह समझौता 1अगस्त , 2007 में भारत और अमेरिका के बीच हुई. इस समझौते के अभिलेख में अमेरिका ने भारत को आणविक हथियार सम्पन्न देश नहीं माना है, बल्कि इसमें यह कहा गया है कि आणविक अप्रसार संधि के लिए अमेरिका ने भारत को विशेष महत्व दिया हैं.

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