पेट में सूजन हो सकती है हर्निया

पेट में सूजन का कारण

स्वास्थ रहने के लिए क्या क्या खाना है इस बात पर ध्यान देने के बजाय क्या क्या नहीं खाना है इसपर ज्यादा ध्यान देनी चाहिए। फास्ट फूड और सड़क किनारे बिक रहे अस्वस्थ्य फूड्स को रोजाना खाने की वजह से हमारी पाचन शक्ति खराब हो जाती है, खाना समय पर हजम नहीं होता है और पेट में हमेशा गैस और कब्ज की समस्या बनी रहती है। इतना ही नहीं लाइफ की रफ्तार तेज होने और टेंशन होने पर हम सिगरेट का भी सेवन करते हैं।

अपने खान पान और हेल्थ पर ध्यान ना देने की वजह से आज हम ना जाने कितनी बीमारियों से घिरे हुए हैं। बेकार चीजों (Unhealthy Foods) को खाने और सिगरेट पीने से पेट में गैस और सूजन की समस्या शुरू होती है। बहुत सी गंभीर बीमारियों की शुरुआत पेट से ही होती है। इसलिए बिना देरी किए आपको अपने पेट में हो रहे सूजन की अच्छे से जांच करानी चाहिए और इसके कारणों को का पता भी लगाना चाहिए। क्योंकि आपके पेट में हो रहे सूजन का कारण हर्निया भी हो सकता है। आमतौर पर ऐसा देखा गया है की पेट के सूजन का कारण कोई और बीमारी नहीं बल्कि हर्निया ही होता है।

हर्निया क्या है

हर्निया एक शारीरिक गंभीर बीमारी है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं हुआ तो यह दूसरी अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है। हर्निया की स्थिति में इंसान के शरीर का कोई हिंसा या अंग अपने सामान्य आकार से ज्यादा बड़ा हो जाता है। यह बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है लेकिन ज्यादातर मामलों में हर्निया की समस्या इंसान के पेट में देखने को मिलती है। पेट की मांसपेशियों के खराब होने की वजह से आंत का आकार जरूरत से ज्यादा बढ़कर बाहर निकल आता है जिसके कारण पेट में हर्निया की समस्या शुरू हो जाती है। 

बहुत कम ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें हर्निया बिना इलाज के अपने आप ही ठीक हो गया है। लगभग सभी मामलों में हर्निया का समय पर सही इलाज कराना चाहिए। अगर सही समय इलाज नहीं हुआ तो यह मरीज के मौत का कारण भी बन सकता है। अगर आप अपने पेट में सूजन या दर्द महसूस करते हैं तो तुरंत डॉक्टर से इसकी जांच कराएं और साथ ही बेहतर इलाज भी। लंबे समय तक इसको नजरअंदाज करना आपको परेशानी में डाल सकता है।

हर्निया की जांच

हर्निया की जांच बहुत ही आसानी की जाती है क्योंकि पेट के जिस क्षेत्र में हर्निया होती है वहां की स्किन बाहर की तरफ थोड़ी सी उभरी हुई दिखाई देती है। इससे डॉक्टर को जांच करने में परेशानी नहीं होती है। जांच की मदद से डॉक्टर हर्निया की बीमारी और इसकी स्थिति को अच्छे से समझ पाते हैं और फिर इसके बेस्ट ट्रिप्टमेन्ट ऑप्शन का चुनाव करते हैं। कई बार हर्निया होने के बाद भी उससे प्रभावित क्षेत्र बाहर की तरफ उभरा हुआ दिखाई नहीं देता है तो इस स्थिति में डॉक्टर मरीज की शारीरिक जांच, पेट का अल्ट्रासाउंड, खून की जान और एमआरआई कराने की सलाह देते हैं ताकि इसे अच्छे से समझ सकें। इन सब के अलावा डॉक्टर मरीज को खड़े होने और खांसने के लिए भी कहते हैं। यह भी हर्निया की जांच का एक तरीका है।

हर्निया का सबसे बेस्ट इलाज

हर्निया एक ऐसी बीमारी जिसका समय पर सही इलाज नहीं हुआ तो खतरनाक साबित हो सकती है। तकनीक की विकास के साथ साथ मेडिकल फिल्ड में भी विकास हुआ है। आज ढेरों एडवांस्ड मेडिकल मशीन हमारे सामने मौजूद हैं जिनकी मदद से बड़ी से बड़ी बीमारी बड़ी आसानी से ठीक की जा सकती है। डॉक्टर का यह मानना है की हर्निया के लिए सबसे बेस्ट इलाज का माध्यम लेप्रोस्कोपीक सर्जरी है। लेप्रोस्कोपीक सर्जरी के जरिए हर्निया की समस्या को हमेशा के लिए दूर किया जा सकता है।

मरीज जब पूरी तरह से इलाज के लिए तैयार हो जाते हैं तब डॉक्टर उन्हें जनरल अनेस्थिसिया देते है। जिसकी वजह से मरीज बेहोश हो जाते हैं और फिर तब लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) की प्रक्रिया को शुरू किया जाता है। सर्जरी करने के लिए मरीज के पेट पर एक छोटा सा कट लगाया जाता है जिसके जरिए उसके पेट में एक पतली से ट्यूब डाली जाती है। इसके छोर पर एक छोटा सा कैमरा लगा होता है जिसकी मदद से डॉक्टर मरीज के शरीर के अंदर के अंगों को बहुत अच्छे देख पाते हैं। इस इंस्ट्रूमेंट को लेप्रोस्कोप कहा जाता है।

लेप्रोस्कोप एक मॉडर्न टेक्नोलॉजी कैमरा है जिसकी मदद से डॉक्टर मरीज के शरीर के अंदर के अंगों को बहुत बारीकी से देख पाते हैं। इसकी मदद से वे बीमारी के कारण और उसकी स्थिति को भी अच्छे से समझ पाते हैं। हर्निया की सर्जरी लगभग आधे घंटे में पूरी हो जाती है और फिर इसके बाद लेप्रोस्कोप को शरीर से बाहर निकाल लिया जाता है। ओपन सर्जरी की तुलना में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) कई गुना ज्यादा बेहतर हैं और यही कारण है की ज्यादातर लोग आज इसका चुनाव कर रहे हैं।

लेप्रोस्कोपीक सर्जरी एक बहुत ही संक्षिप्त, आसान और सुरक्षित प्रक्रिया है। इसमें मरीज को जरा भी दर्द नहीं होता है। सर्जरी के दौरान टांके नहीं लगते हैं और नाही जख्म बनने का कोई खतरा होता है। सर्जरी की इस प्रक्रिया में दर्द और ब्लीडिंग कम से कम होती है। सर्जरी के दिन या उसके अगले दिन मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया है। लेप्रोस्कोपीक सर्जरी के बाद मरीज बहुत जल्दी ठीक हो जाता है और 48 घंटों के बाद वह अपना डेली रूटीन भी शरू करने के लिए पूरी तरह से फिट हो जाता है। डॉक्डर के द्वारा बताए गए बस  कुछ बातों को सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक ध्यान में की जरूरत होती है।  

प्रिस्टीन केयर (Pristyn Care) में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सुविधा ईपलब्ध है। इनके हॉस्पिटल में बहुत ही अनुभवी और कुशल सर्जन हैं जिन्होनें लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) पर महारत हासिल कर ली है। अगर आप हर्निया से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो अपने शहर में प्रिस्टीन केयर से संपर्क कर सकते हैं।

बेहतरीन इलाज के अलावा यह अपने मरीज को दूसरी भी काफी सर्विसेस बिलकुल मुफ्त में देते हैं। इसमें मरीज का डॉक्टर के साथ अप्वाइंटमेंट बुक करना, हॉस्पिटल में उनकी जगह प्रिस्टीम टीम सभी पेपरवर्क करती है, मरीज के रुकने के लिए एक डीलक्स कमरा उपलब्ध कराना, मरीज की देखरेख करने के लिए केयर बड्डी का इंतजाम करना और साथ ही सर्जरी के दिन मरीज को घर से हॉस्पिटल और सर्जरी के बाद हॉस्पिटल से घर ले जाने के लिए गाड़ी उपलब्ध कराना आदि शामिल हैं।

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