दिशा शूल क्या होता है और इसके बचाव के उपाय – जीवन एक यात्रा है, इंसान जीविकोपार्जन के लिए कम या ज्यादा दूरी की यात्रा हर दिन करता है. परन्तु जीवन में कुछ ऐसे समय आते है जब इंसान को किसी मांगलिक कार्य के लिए यात्रा करना होता है. तब वह एक शुभ दिन देखकर ही यात्रा करता है ताकि उसके मांगलिक कार्य में कोई बाधा न आये.
दिशा शूल क्या होता है? | Disha Shool Kya Hota Hai?
दिशा शूल में यह बताया जाता है कि किस दिशा में किस दिन यात्रा नही की जाती है. बहुत लोग इसे रूढ़िवादी विचार मानते है पर बहुत से लोग यह मानते है कि ऐसा करने से मन में एक सकारात्मक विचार आता है जिससे यात्रा सुखद और कार्य पूर्ण होता है.
आज भी बहुत घरों में जब आप किसी शुभ कार्य की शुरूआत करते है या शुरूआत के लिए बाहर जाते है तो घर के सदस्य गुड़ और दही खिलाते है. इसे शुभ माना जाता है. इसके पीछे वैज्ञानिक और अध्यात्मिक दोनों कारण है. प्रथम वैज्ञानिक कारण – गुण और दही पेट को स्वास्थ्य बनाता है और शरीर ऊर्जा देता है. अध्यात्मिक कारण – ऐसा करने से व्यक्ति के मन में सकारात्मक विचार आता है. कार्य के पहले मन में उत्पन्न होने वाले डर को नियंत्रित करता है.
किस दिन किस दिशा में यात्रा नही करनी चाहिए
गाँव में मुझे एक बड़े-बुजुर्ग से दिशा शूल के बारें में पता चला फिर उनसे काफी बात हुई. सर्वप्रथम लगा कि वे बड़े रूढ़िवादी विचार के है लेकिन जब उनसे थोड़ी देर बात किया तो मैं फिर से सोचने के लिए मजबूर हो गया. उन्होंने बताया कि जीवन में सकारात्मक होना बहुत जरूरी है. अगर आप इसे मानते है तो आपका इसमें कोई पैसा खर्च नही हो रहा है तो मानने में बुराई क्या है? अगर घर में किसी की तबियत खराब है तो आप कभी भी किसी दिशा में किसी दिन जा सकते है.
सोमवार – पूर्व
मंगलवार – उत्तर
बुधवार – उत्तर
बृहस्पतिवार – दक्षिण
शुक्रवार – हर दिशा में यात्रा कर सकते है.
शनिवार – पूर्व
रविवार – पश्चिम
दिशा शूल का प्रथम उपाय
कई बार ऐसा होता है कि दिशा शूल में ही यात्रा करना पड़ता है. उदाहरण के लिए कोई दिशा शूल देखकर ट्रेन का टिकट बुक नही करेगा या हवाईजहाज का टिकट बुक नही करेगा. स्कूल में एडमिशन के लिए जाना हो या नौकरी ज्वाइन करना हो और अंतिम तिथि दिश शूल हो तो कोई छोड़ नही देगा. ऐसी विपरीत परिस्थितियों के लिए यह उपाय है.
ऊपर जो भी उदाहरण दिए है. इनके बारे में कुछ दिन पहले पता चल जाता है. ऐसे में आप अपने घर से प्रस्थान निकला दे. मतलब आप अपना कोई सामान किसी दुसरे के घर पर रख दे और यात्रा पर जाते समय उसे लेकर साथ में चले जाएँ. प्रस्थान के लिए आप दूसरे के घर पर अपना रूमाल या गमछा आदि रख सकते है.
दिशा शूल का द्वितीय उपाय
गाँव के बड़े-बुजुर्गों के अनुसार यात्रा पर निकलने से ठीक पहले क्या खाना शुभ माना जाता है? उसे आप नीचे इस अर्टिकल में पढ़े.
रविवार – यात्रा से पहले पान खाना शुभ होता है.
सोमवार – यात्रा से पहले दर्पण देखना शुभ होता है.
मंगलवार – यात्रा से पहले गुड़ (भेली) खाना शुभ होता है.
बुधवार – यात्रा से पहले धनिया खाना शुभ होता है.
बृहस्पतिवार – यात्रा से पहले जीरा खाना शुभ होता है.
शुक्रवार – यात्रा से पहले दही खाना शुभ होता है.
शनिवार – यात्रा से पहले अदरक खाना शुभ होता है.
दिशा शूल का तृतीय उपाय – यह मेरे अनुभव पर आधारित है
यह तृतीय उपाय मेरा स्वयं का अनुभव है. जैसे जब मैं कभी यात्रा करता हूँ और कोई बिल्ली रास्ता काट देती है तो मैं ईश्वर का नाम लेकर आगे बढ़ जाता हूँ. आज तक कोई अनहोनी नही हुई है. कई बार मजबूरी में दिशा शूल में भी ईश्वर का नाम लेकर और ईश्वर की प्रार्थना करके यात्रा के लिए निकला हूँ. सब कार्य मंगल हुए है. जब कोई इंसान अच्छी सोच के साथ अच्छा कार्य करता है तो ईश्वर भी उसकी मदत करते है.
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