जिन्हें गुस्सा आता हैं,
वो लोग सच्चे होते हैं,
मैंने झूठो को अक्सर मुस्कुराते हुए देखा हैं.
चलो एक रस्म यह भी निभा दें,
जो हमसे खपा हैं,
उन्हें भी दुआ दें.
मेरा यही अंदाज इस जमाने को खलता हैं,
इतनी ठोकरों के बाद भी ये सीधा कैसे चलता हैं.
ख़ुदा सवाल करेगा अगर कयामत में,
तो
हम भी ख देंगे लुट गये हम शराफत में.
दुनिया फरेब करके हुनरमंद हो गयी,
हम ऐतबार करके गुनाहगार हो गये.
लोग कहते हैं की हमारा दिल पत्थर का है,
लेकीन कुछ लोग ऐसे भी थे जो इसे भी तोड़ गए