काश ऐसी भी कोई हवा चले,
कौन किसका हैं, पता चले.
कभी-कभी यूं ही चले आया करो, दिल की दहलीज पर,
अच्छा लगता हैं, यूँ तन्हाईयों में तुम्हारा दस्तक देना…
मैं खुद हैरान हूँ कि तुझसे इतनी मोहब्बत क्यूँ हैं मुझे,
जब भी प्यार शब्द आता हैं, चेहरा तेरा क्यूँ याद आता हैं मुझे.
किसी के चेहरे की ख़ुशी को
अपनी ख़ुशी समझना शायद यही
सच्ची मोहब्बत होती हैं.