Ellora Caves (एलोरा गुफ़ाये), औरंगाबाद से 30 किमी दूरी पर हैं. एलोरा की गुफाओ में कुल 34 गुफाएं शामिल हैं. ये गुफाएँ बौद्ध, हिन्दू और जैन धर्म से सम्बंधित हैं. एलोरा गुफाएँ बेसाल्टिक की पहाड़ी के किनारे-किनारे बनी हुई हैं.
Ellora Ceves History in Hindi | एलोरा की गुफाओं का इतिहास हिंदी में
- एलोरा गुफाओं को 1 9 83 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल नामित किया गया था.
- एलोरा गुफाओं में हिंदू, जैन और बौद्ध तीन धर्मों के प्रति दर्शाया गया आस्था का बड़ा ही मनोहारी चित्रण और शिल्पकारी की गयी हैं.
- चालुक्य और राष्ट्रकूट राजाओं के संरक्षण में एलोरा गुफाओं का निर्माण किया गया था.
- शानदार कैलास मंदिर विश्व में भारतीय वास्तु-शिल्पियों के कौशल का अद्भुत् नमूना हैं. 276 फीट लम्बा और 154 फीट चौड़ा, यह मंदिर केवल एक चट्टान को काटकर बनाया गया हैं.
- दशावतारा गुफा में भगवान विष्णु के दस अवतारों को दर्शाया गया हैं.
- स्थानीय लोग एलोरा की गुफाओं को ‘वेरूल लेणी’ भी कहते हैं.
- यहाँ स्थित 34 गुफाओं में – 17 हिन्दू गुफाए जो गुफा संख्या 13 से लेकर 29 तक हैं , 12 बौद्ध गुफाएं जो गुफा संख्या 1 से 12 तक हैं और 5 जैन गुफाएं जो गुफा संख्या 30 से लेकर 34 तक हैं.
- बौद्ध गुफाएँ (500-750 ईस्वी), हिंदू गुफाएं (600-870 ईस्वी) और जैन गुफाएं (800-1000 ईस्वी)। दक्षिण की ओर स्थित सबसे पुरानी बौद्ध गुफाओं के साथ शुरू होने से गुफाओं का कालानुक्रमिक रूप से क्रमांकित किया जाता है.
- इस गुफाओं का उपयोग अध्ययन, ध्यान, साम्प्रदायिक अनुष्ठानो, खाने और सोने के लिए किया गया था.
- Carpenter’s Cave (विश्वकर्मा गुफ़ा) यहाँ का सबसे प्रसिद्ध बौद्ध गुफा हैं. यह गुफा संख्या 10 हैं, जोकि एक चैत्यगृह हैं.
- यहाँ की गुफाओ में कैलाश गुफा सबसे बड़ी गुफा है जिसे कैलाश मंदिर भी कहते हैं. कैलाश गुफा संख्या 12 हैं.
- एलोरा गुफा औरंगाबाद से 30 किमी दूर और मुंबई से 400 किमी दूरी पर हैं.
यदि आप घूमने और अनोखी चीज़ो को देखने के शौक़ीन हैं तो एलोरा की गुफाएँ आपके लिए एक अच्छा पर्यटनस्थल हो सकता हैं.
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