तोड़ दो सारी कसमें जो तुमने खाई हैं,
कभी कभी याद कर लेने में क्या बुराई है.
यादों को भुलाने में कुछ देर तो लगती है,
आँखों को सुलाने में कुछ देर तो लगती है,
किसी शख्स को भुला देना इतना आसान नहीं,
दिल को समझाने में कुछ देर तो लगती है.
चाँद के बिना अँधेरी रात रह जाती है,
साथ एक हसीन सी मुलाकात रह जाती है,
सच है कि जिंदगी कभी रूकती नहीं,
वक़्त निकल जाता है और याद रह जाती है.
तरीका मेरे क़त्ल का तुम एक ये भी इजाद करो,
मर जाऊँ मैं हिचकियो से मुझे इतना याद करो.
बेचैन इस कदर था, सोया न रात भर,
पलकों से लिख रहा था, तेरा नाम चाँद पर.
कभी कभी किसी अपने की इतनी याद आती हैं,
कि रोने के लिए रात भी कम पड़ जाती हैं.
ऐसा नही हैं कि दिन नहीं ढलता या रात नही होती,
सब अधूरा सा लगता हैं जब तुमसे बात नही होती…
हर रोज चुपके से निकल आते नये पत्ते,
यादों के दरख्तों में क्यूँ पतझड़ नही होते.
आदत है जो कभी जाती नही,
वो हमें भूल गये उन्हें हमारी याद आती नही.
कुछ किस्से दिल में, कुछ कागजों पर आबाद रहे,
बताओ कैसे भूलें उसे जो हर साँस में याद रहे.