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Kavi and Kavita
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रश्मिरथी – प्रथम सर्ग ( रामधारी सिंह “दिनकर” )
Amar
रश्मिरथी - प्रथम सर्ग | Rashmirathee - Pratham Sarg 'जय हो' जग में जले जहाँ भी, नमन पुनीत अनल को, जिस नर में भी बसे, हमारा...
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रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद
Amar
रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद, आदमी भी क्या अनोखा जीव होता है! उलझनें अपनी बनाकर आप ही फँसता, और फिर बेचैन हो जगता, न...
Kavi and Kavita
Ant – A Motivational Poem | चींटी – एक उत्साहवर्धक कविता
Amar
प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक लक्ष्य होता हैं और उसे पूरा करने के लिए हर व्यक्ति अपनी यथा शक्ति परिश्रम करता हैं. बहुत...
Kavi and Kavita
माँ-बाप पर कविता | Poem on Parents
Amar
माँ-बाप पर यह एक बेहतरीन कविता हैं जो भारतीय माँ-बाप पर पूरी तरह सटीक बैठती हैं. वो अपने बच्चो की ख़ुशी के लिए बहुत...
Kavi and Kavita
अटल बिहारी वाजपयी की कविताएँ | Atal Bihari Vajpayee Poems
Amar
Atal Bihari Vajpayee Poems in Hindi - अटल बिहारी वाजपेयी ( Atal Bihari Vajpeyee) एक महान राजनीतिज्ञ, कवि, पत्रकार और प्रखर वक्ता थे. इनका...
Kavi and Kavita
जब तू पैदा हुआ तो कितना मजबूर था – इसको जरूर पढ़े
Kirti Chandra
जब तू पैदा हुआ तो कितना मजबूर था, ये जहाँ तेरी सोचो से भी दूर था. हाथ-पाँव भी जब तेरे अपने न थे, तेरी आँखों में दुनिया...
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एक माचिस की तिल्ली
Amar
एक माचिस की तिल्ली एक घी का लोटा, लकड़ियों के ढेर पे, कुछ घंटे में राख़ बस इतनी-सी हैं आदमी की औकात !!! एक बूढ़ा बाप शाम को मर गया, अपनी...
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इतनी रंग बिरंगी दुनिया
Amar
Itanee Rang Birangee Duniya Poem - यह कवित कुमार विश्वास के द्वारा गाया गया हैं. कुमार विश्वास की कविताएँ बहुत ही पॉपुलर होती हैं...
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हर बार ये इल्ज़ाम रह गया..
Amar
हर बार ये इल्ज़ाम रह गया..! हर काम में कोई काम रह गया..!! नमाज़ी उठ उठ कर चले गये मस्ज़िदों से..! दहशतगरों के हाथ में इस्लाम रह...
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अब तो बरस जा – कविता
Amar
एक बार आकर देख कैसा, ह्रदय विदारक मंजर है पसलियों से लग गयीं हैं आंतें, खेत अभी भी बंजर है टकटकी बाँध तकती निगाहों पर, तनिक...
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