Poem on Chocolate in Hindi – इस आर्टिकल में चॉकलेट पर कविता दी गई है. जिन लोगो को चॉकलेट पसंद आती है. उन्हें यह कविता भी पसंद आएगी.
Poem on Chocolate in Hindi
बचपन में जब तुम मेरे लिए रोते थे,
घर के सामानों को पटकते तोड़ते थे,
कोशिश करने में कोई कसर नही छोड़ते थे,
हाँ, मैं वही प्यारा तुम्हारा चॉकलेट हूँ।
जब तुम्हारे पापा कहीं बाहर से आते थे,
कुछ खास पाने की मन में उम्मीद जगाते थे,
पूरे घर में कोहराम मच जाता था,
अगर कभी भूल से चॉकलेट नही लाते थे।
मुझे पाने के लिए हर किसी से लड़ जाते थे,
मुझे पाने के लिए माँ-बाप के पीछे पड़ जाते थे,
मुझे पाने के लिए गुस्से से अलमारियों पर चढ़ जाते थे,
हाँ, मैं वही प्यार तुम्हारा चॉकलेट हूँ।
ऐसे रिश्तेदार बड़े खास होते थे,
चॉकलेट जिनके पास होते थे,
उन्हें बड़ा सम्मान देते थे,
वो हमारे लिए भगवान होते थे।
माना मेरा रंग थोड़ा करिया था,
पर स्वाद सबसे ज्यादा बढ़िया था,
बच्चों को खुश करने का मैं जरिया था,
हाँ, मैं वही प्यारा तुम्हारा चॉकलेट हूँ।
बच्चों का मैं पहला प्यार हूँ,
बच्चों के जीवन में लाता बाहर हूँ,
मेरे बिना बचपन अधूरी है,
बचपन में चॉकलेट खाना जरूरी है।
Short Poem On Chocolate In Hindi
चॉकलेट के लिए रोना,
ना मिले तो जमीन पर सोना,
आँखों से आँसू बहाना,
इसे पाने के जिद पर अड़ जाना।
बचपन की सारी बातें याद है।
चॉकलेट के लिए
मम्मी को खूब सताना,
बाजार से ढ़ेर सारा लायें
इसलिए पापा को पटाना।
बचपन की सारी बातें याद है।
चॉकलेट मिल जाएँ तो
ख़ुशी से उछल जाना,
जल्दी से खत्म ना हो जाएँ
इसलिए धीरे-धीरे खाना।
बचपन की सारी बातें याद है।
चॉकलेट बाँटने की बात सुनते
ही पूरा जूठा कर देना,
किसी को पास आते देखकर
पूरा मुँह में भर लेना।
बचपन की सारी बातें याद है।
– दुनियाहैगोल
चॉकलेट पर कविता
हर रिश्तें में
विश्वास रहने दो,
जुबान पर चॉकलेट
जैसी मिठास रहने दो,
यही तो अंदाज है
जिंदगी जीने का
ना खुद रहो उदास
ना दूसरों को रहने दो।
Chocolate Poem in Hindi
रिश्तों में तकरार हो,
बिखरा हुआ संसार हो,
मुश्किलों की भरमार हो,
भले जीवन में हार हो।
पर दिल बेकरार हो
चॉकलेट से प्यार हो।
दिल का इजहार हो,
किसी के नैनों से
दिल पर वार हो,
जुबाँ पर इंकार हो,
फीका जीवन का सार हो,
पर दिल बेकरार हो
चॉकलेट से प्यार हो।
– दुनियाहैगोल
बचपन में जिस चॉकलेट का स्वाद इतना अच्छा लगता है। उसे जवानी में बहुत से लोग भूल जाते है। क्योंकि जिंदगी में इतनी भाग-दौड़ होती है और जिम्मेदारियों का बोझ होता है कि हम जीना ही छोड़ देते है। चॉकलेट हमें जवानी में भी उतना ही स्वादिष्ट लगता है। हम बच्चों के लिए ले जाते है। अपने चाहने वालों के लिए ले जाते है। लेकिन हम खुद खाना भूल जाते है।
जिंदगी ऐसे ही चलती है। कितना भी मिल जाएँ कम लगता है। इसलिए जिंदगी में छोटी-छोटी खुशियों को जीना सीखिए। अपने बच्चों के साथ बैठकर कभी चॉकलेट खाने का अनुभव लीजिये। आपका वह पल ख़ुशी से भर जाएगा। यही खुशियाँ हमारे जीवन को बड़ा बनाती है।
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