ज़ज्बात कहते हैं, ख़ामोशी से बसर हो जाएँ,
दर्द की ज़िद है कि दुनिया को खबर हो जाएँ.
रात में जब चाँद नजर आता हैं तो याद आ जाती हैं,
तुझसे मिलने की लब पर फ़रियाद आ जाती हैं.
वही फिर मुझे याद आने लगे हैं,
जिन्हें भूलने में जमाने लगे हैं.
जिनका मिलना नहीं होता किस्मत में,
उनकी यादे कसम से कमाल की होती हैं.
खुल जाता हैं तेरी यादों का बाज़ार सरेआम,
फिर मेरी रात इसी रौनक में गुजर जाती हैं.
होती है बड़ी जालिम एक तरफ़ा मोहब्बत भी,
वो याद तो आते है मगर याद नहीं करते.
रात यूँ दिल में तेरी खोई हुई याद आई,
जैसे वीराने में चुपके से बहार आई.
प्यार कम नही होता किसी के दूर जाने से,
बस दर्द होता हैं उनकी याद आने से.
अपने गम में भी नायाब खजाना ढूंढ लेते हैं,
हम तुम्हें याद करने का बहाना ढूंढ लेते हैं.