‘सितार के जादूगर’ पण्डित रविशंकर | Pandit Ravishankar Biography

Pandit Ravi Shankar Biography in Hindi – “सितार के जादूगर”, पंडित रविशंकर ने विश्व में भारतीय शास्त्रीय संगीत को नई पहचान दी थी. पंडित रवि शंकर और सितार मानो एक दुसरे के लिए ही बने थे. वाद्य-संगीत की शास्त्रीय एवं शालीन संगीत शैली के कारण या पहचाने जाते हैं. अन्तराष्ट्रीय स्तर पर सितार को ख्याति दिलाने में इनका बड़ा योगदान हैं.

Pandit Ravi Shankar Short Biography in Hindi | पंडित रवि शंकर शोर्ट बायोग्राफी हिंदी में

नाम – पंडित रविशंकर (रबिन्द्र शंकर चौधरी)
जन्म – 7 अप्रैल 1920
जन्म स्थान – बनारस, उत्तर प्रदेश (भारत)
मृत्यु – 11 दिसम्बर 2012 (उम्र 92)
मृत्यु स्थान – सैन डिएगो, संयुक्त राज्य अमेरिका

अभिभावक – श्याम शंकर
पत्नी – अन्नपूर्णा देवी
संतान – शुभेन्द्र शंकर, अनुष्का शंकर
पुरस्कार/ उपाधि भारत रत्न (1999), पद्म विभूषण, पद्म भूषण, रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
व्यवसाय – संगीतकार
शैली – भारतीय शास्त्रीय
उपकरण – सितार वोकल्स

पंडित रविशंकर को सदी के सबसे महान संगीतकारों में गिना जाता है. पश्चिम में उनकी लोकप्रियता तो शानदार की थी. कहा जाता है कि रविशंकर के संगीत में आध्यात्मिक शांति छिपी थी. एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि 91 साल से अधिक उम्र होने के बाद भी वह जवानों जैसा जोश कहां से लाते हैं तब उन्होंने कहा था, ‘भले ही मेरा शरीर 91 साल का हो गया है, लेकिन मेरा मन तो अब भी जवान है.’

Interesting Facts about Pandit Ravi Shankar | पंडित रविशंकर के बारें में रोचक जानकारियाँ

  1. पंडित रविशंकर ने पहला कार्यक्रम 10 साल की उम्र में दिया था.
  2. संगीत की शिक्षा उस्ताद अलाउद्दीन खां से ली थी.
  3. भारतीय सिनेमा की महानतम फिल्म ‘पाथेर पांचाली’ में पंडित रविशंकर ने ही संगीत दिया था.
  4. भारतीय संगीत को दुनिया भर में सम्मान दिलाने वाले भारत रत्न और पद्मविभूषण से नवाजे गये पंडित रविशंकर को तीन बार ग्रैमी पुरस्कार से भी नवाजा गया था.
  5. देश के बाहर पहला कार्यक्रम उन्होंने 1954 में तत्कालीन सोवियत संघ में दिया.
  6. शुरुआत में वह‌ नृत्‍य में रुचि रखते थे लेकिन अठारह वर्ष की उम्र में उन्होंने नृत्य छोड़कर सितार सीखना शुरू किया.
  7. बीटल्स ग्रुप और जॉर्ज हैरीसन जैसे प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय संगीतकार भी उन्हें अपना प्रेरणा स्त्रोत मानते थे.
  8. पंडित रविशंकर 1986 में राज्यसभा के मानद सदस्य भी नामित किए गए थे.
  9. पंडित रवि शंकर को विभिन्न विश्वविद्यालयों से डाक्टरेट की 14 मानद उपाधियां मिल चुकी हैं.
  10. संयुक्त राष्ट्र संघ के अंतर्गत संगीतज्ञों की एक संस्था हैं जिसके ये सदस्य रह चुके हैं.
  11. पंडित रवि शंकर को 3 ग्रेमी पुरस्कार मिले हैं.
  12. रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, पद्म भूषण, पद्म विभूषण तथा भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्‍न भी मिल चुका है.
  13. पंडित रवि शंकर को भारतीय संगीत ख़ासकर सितार वादन को पश्चिमी दुनिया के देशों तक पहुंचाने का श्रेय भी दिया जाता है.

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