उम्र जायां कर दी लोगो ने औरों के वजूद में नुक्स निलाकते-निकालते
इतना ही खुद को तराशा होता, तो फ़रिश्ते बन जाते.
चलो आज फिर थोड़ा मुस्कुराया जाए,
बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाए.
संघर्ष में आदमी अकेला होता हैं,
सफ़लता में दुनिया उसके साथ होती हैं,
जब-जब जग किसी पर हँसा हैं ,
तब-तब उसी ने इतिहास रचा हैं.
नहीं माँगता दुआँ, ऐ ख़ुदा,
ज़िन्दगी सौ साल की दे,
दे भले चंद लम्हों की,
लेकिन कमाल की दे.