इंतज़ार शायरी | Intezaar Shayari | Tera Intezaar Shayari

इंतज़ार कर रहा है कोई,
दर्द से गुजर रहा है कोई,
तुम से दूर रहकर बहुत
खुद से बिखर रहा है कोई.


जुल्फों पे बिखरी हैं शमा का नशा,
इस इंतजार में भी है एक दिलकश अदा.


तेरे इंतजार में हुई सुबह से शाम,
तेरी चाहत में हुआ ये दिल बे-लगाम,
तुझे पाने की आरजू मेरी जल्द हो पूरी
कि होठों पे आता हैं सिर्फ़ तेर नाम.


वह लोग हमसे क्यों दूर रहते हैं,
जिसे जिन्दगी से भी ज्यादा प्यार करते हैं.


मुझ को खुशियाँ न सही गम की कहानी दे दे,
जिस को मैं भूल न पाऊं वो निशानी दे दे.


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