दुश्मनी शायरी | Dushmani Shayari

दुश्मनी जम के करो पर इतनी गुंजाईश रहे,
कल जो हम दोस्त बन जाए तो शर्मिंदा न हो.


लोग कहते हैं कि इतनी दोस्ती मत करो कि दोस्त दिल पर सवार हो जाए,
मैं कहता हूँ दोस्ती इतनी करो कि दुश्मन को भी तुम से प्यार हो जाए.


उसका ये अंदाज़ भी दिल को भा गया हैं,
कल तक जो दोस्त था आज दुश्मनी पर आ गया हैं.


हम दुश्मन को भी बड़ी शानदार सजा देते हैं,
हाथ नहीं उठाते बस नजरों से गिरा देते हैं.


वो जो बन के दुश्मन हमे जीतने को निकले थे,
कर लेते अगर मोहब्बत तो हम ख़ुद ही हार जाते.


दुश्मनों ने जो दुश्मनी की हैं,
दोस्तों ने भी क्या कमी की हैं.


दुश्मनी लाख सही ख़तम न कीजिये रिश्ता,
दिल मिलें या न मिलें हाथ मिलाते रहिये.


कभी ख़ुद को मेरे प्यार में भुला कर देख,
दुश्मनी अच्छी नहीं मुझे दोस्त बना करे देख.


शख्सियत अच्छी होगी तभी दुश्मन बनेगे,
वरना बुरे लोगो को देखता कौन हैं.


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