दुश्मनी शायरी | Dushmani Shayari

Dushmani Shayari in Hindi – इस पोस्ट में बेहतरीन दुश्मनी शायरी ( Dushmani Shayari ), Dushman Shayari Facebook, Dosti Dushmani Shayari, Dost Bana Dushman Shayari, Shayari on Dushman Dost दी गयी हैं. इस पोस्ट को जरूर पढ़े और फेसबुक, व्हाट्सऐप पर शेयर करें.

दुश्मन शायरी | Dushmani Shayari

आँखों से आँसुओं के दो कतरे क्या निकल पड़े,
मेरे सारे दुश्मन एकदम खुशी से उछल पडे़.


जो दिल के हैं सच्चे उनका दुश्मन पूरा जमाना हैं,
इस रंग बदलती दुनिया का यही सच्चा फ़साना हैं.


दोस्ती भी अब लोग अधूरा करते हैं,
दुश्मनों की कमी अब तो दोस्त पूरा करते हैं,


दुश्मन भी मेरे मुरीद हैं शायद,
वक्त बेवक्त मेरा नाम लिया करते है,
मेरी गली से गुजरते हैं छुपा के खंजर
रू-ब-रू होने पर सलाम किया करते हैं.


रफ़्तार ज़िन्दगी की कुछ यूँ बनाये रखिये,
दुश्मनों से भी बात अदब से कीजिये.


जो दिल के करीब थे वो जबसे दुश्मन हो गये,
जमाने में हुए चर्चे, हम मशहूर हो गये.


दुश्मनों की महफ़िल में चल रही थी,
मेरे कत्ल की तैयारी,
मैं पहुंचा तो बोले यार
बहुत लम्बी उम्र है तुम्हारी.


उसके दुश्मन है बहुत आदमी अच्छा होगा,
वो मेरी ही तरह शहर में तन्हा होगा.


ख़ाक मजा है जीने में,
जब तक आग ना लगे दुश्मन के सीने में.


चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी हैं, तीर की तरह,
मगर खामोश रहता हूँ, अपनी तकदीर की तरह.


Latest Articles