पलकें तो आँखों की हिफ़ाजत होती हैं,
धड़कन तो दिल की अमानत होती हैं,
ये दोस्ती का रिश्ता भी अजीब हैं
कभी चाहत तो कभी शिकायत होती हैं.
नजरें झुकी तो पैमाने बने,
दिल टूटे तो महखाने बने,
कुछ तो हैं आप में क्योकि
यूँ ही नहीं हम आपके दीवाने बने.
दुःख गयी ये अखियाँ बहे खूब अश्क इसमें,
छोड़ आये वो गलियाँ सहे खूब गम जिसमें.
कई आँखों में रहती हैं, कई बाहें बदलती हैं,
मोहब्बत भी सियासत की तरह राहें बदलती हैं.
याद आती है तो जरा खो लेते हैं,
आंसू आँखों से उतर आये तो रो लेते हैं.
फूल तो फूल है आँखों से घिरे रहते है,
कांटे बेकार हिफाज़त में लगे रहते हैं.
महकता हुआ जिस्म तेरा गुलाब जैसा है,
नींद के सफर में तू एक ख्वाब जैसा है,
दो घूँट पी लेने दे आँखों के इस प्याले से,
नशा तेरी आँखों का शराब जैसा है.
नशा जरूरी है ज़िन्दगी के लिए,
पर सिर्फ शराब ही नहीं है बेखुदी के लिए,
किसी की मस्त निगाहों में डूब जाओ,
बड़ा हसीं समंदर है ख़ुदकुशी के लिए.
हम भटकते रहे थे अनजान राहों में,
रात दिन काट रहे थे यूँ ही बस आहों में,
अब तम्मना हुई है फिर से जीने की हमें,
कुछ तो बात है सनम तेरी इन निगाहों में.
महफिल अजीब है, ना ये मंजर अजीब है,
जो उसने चलाया वो खंजर अजीब है,
ना डूबने देता है, ना उबरने देता है,
उसकी आँखों का वो समंदर अजीब है.